Thursday, 27 September 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥♥जीवन की चौखट.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जीवन की चौखट पर देखो, नया दिवस फिर से आया!
बाग़ में कोयल गीत सुनाये, और सूरज भी मुस्काया!

मन में आशा की बूंदे भर, जीवन को ताजा करना है!
न निंदा, उपहास किसी का, हमको जीवन में करना है!
हमको जीवन में रहना है, सच्चा और सरल बनकर के,
सच्चाई के संग जीना है, सच्चाई के संग मरना है!

ओस की बूंदों से धरती में, नव अंकुर भी उग आया!
जीवन की चौखट पर देखो, नया दिवस फिर से आया!"
................चेतन रामकिशन "देव"........................

♥♥♥♥♥♥♥आज भगत के जन्मदिवस पर.♥♥♥♥♥♥♥♥♥
आज भगत के जन्मदिवस पर, इतना प्रण तो करना होगा!
शोषण से लड़ने की खातिर, जोश रगों में भरना होगा!

हम लोगों के मुर्दापन से, नहीं भगत सिंह खुश हो सकते!
न ही हम उनके सपनों के, भारत का अंकुर बो सकते!
चित्र पे फूल चढ़ाने भर से, नहीं पूर्ण होती है भक्ति,
भय का खून रगों में भरके, नही भगत पैदा हो सकते!

देश की खातिर जीवन-यापन, देश की खातिर मरना होगा!
आज भगत के जन्मदिवस पर, इतना प्रण तो करना होगा!"

......................चेतन रामकिशन "देव"...............................

♥♥♥♥♥♥♥♥♥उनके शहर की हवा ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
उनके शहर की हवा भी मेरे, दिल को ज़ख़्मी कर जाती है!
मुझको उनकी याद दिलाकर, आंख में आंसू भर जाती है!

कई दफा इस हवा ने खुलकर, अपना दर्द बताना चाहा!
अपनी मज़बूरी का किस्सा, मुझको बहुत बताना चाहा!

सोच के पर उनकी बदनामी, कुछ कहने से डर जाती है!
उनके शहर की हवा भी मेरे, दिल को ज़ख़्मी कर जाती है!"

....................चेतन रामकिशन "देव".............................



♥♥♥♥♥♥♥♥♥उनके शहर की हवा ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
उनके शहर की हवा भी मेरे, दिल को ज़ख़्मी कर जाती है!
मुझको उनकी याद दिलाकर, आंख में आंसू भर जाती है!

कई दफा इस हवा ने खुलकर, अपना दर्द बताना चाहा!
अपनी मज़बूरी का किस्सा, मुझको बहुत बताना चाहा!

सोच के पर उनकी बदनामी, कुछ कहने से डर जाती है!
उनके शहर की हवा भी मेरे, दिल को ज़ख़्मी कर जाती है!"

....................चेतन रामकिशन "देव".............................