Saturday, 5 May 2012

♥♥♥♥मेरी संगिनी..♥♥♥♥


♥♥♥♥मेरी संगिनी..♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥मेरी संगिनी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मेरी ख़ामोशी में भी, मुझसे बोलती हो तुम!
जिंदगी में ख़ुशी का रंग, घोलती हो तुम!
मेरे चेहरे की थकन, पल में ही मिट जाती है,
घर का दरवाजा जब भी, हंसके खोलती हो तुम!"
.............चेतन रामकिशन "देव"..................