Tuesday, 12 November 2013

♥♥हमारी निगाहों से...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥हमारी निगाहों से...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
हमारी निगाहों से चाहत बयां हो, तुम्हारी नजर से मोहब्बत बयां हो!
तुम्हें देखें हम एक खुदा की नजर से, तुम्हारी नजर से इबादत बयां हो!
तुम्हारी दुआओं में शामिल रहूँ मैं, तुम्हारी नजर से इनायत बयां हो,
तुम्हें अपने दिल में वसाकर रहूँ मैं, तुम्हारी नजर से हिफाज़त बयां हो!

तुम्हारी मोहब्बत को पाकर देखो, मैं फूलों की तरह से खिलने लगा हूँ!
सलीका मुझे आ गया जिंदगी का, मैं तितली के रंगों से मिलने लगा हूँ!

मुझे देखकर तुमको आये सुकूं और तुम्हारी नजर से भी राहत बयां हो! 
हमारी निगाहों से चाहत बयां हो, तुम्हारी नजर से मोहब्बत बयां हो....

हमारी खुशी में तुम्हारी खुशी हो, तुम्हारी खुशी में हमारी खुशी हो!
हमारे अधर पे हो मुस्कान तुमसे, तुम्हारे अधर पे हमारी हँसी हो!
हमारे रंगों से जहाँ खूबसूरत, तुम्हारे रंगों से ये दुनिया हसीं हो,
हमारी मोहब्बत में हो तेरी पूजा, तुम्हारी मोहब्बत में मन्नत वसी हो!

महकने लगा हूँ, चहकने लगा हूँ, मैं ख्वाबों की दुनिया सजाने लगा हूँ!
तुम्हारी मोहब्बत ने बदला नजरिया, मैं सबको गले से लगाने लगा हूँ!

सुनो "देव" मैं गर सताऊँ तुम्हे जो,  तुम्हारी नजर से शरारत बयां हो!
हमारी निगाहों से चाहत बयां हो, तुम्हारी नजर से मोहब्बत बयां हो!"

.…चेतन रामकिशन "देव"…...
दिनांक-१२.११.२०१३