Friday, 29 November 2013

♥♥चांदनी रात के उजालों से..♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥चांदनी रात के उजालों से..♥♥♥♥♥♥♥
चांदनी रात के उजालों से, प्यार का दीप हम जला देंगे!
अपने दिल की तमाम नफरत को, प्यार के भाव से भुला देंगे!
ख्वाब तेरे तुम्हारी आँखों के, अपने हाथों से हम खिला देंगे,
तन का रिश्ता तो बस पलों का है, रूह से रूह हम मिला देंगे!

तेरे कदमों के साथ चलकर के, मंजिलों की तलाश करनी है!
अपने जीवन की ये डगर हमदम, तेरी चाहत से खास करनी है!

गोद में मेरी, सर को रख देना, प्यार से हम तुम्हें सुला देंगे!
चांदनी रात के उजालों से, प्यार का दीप हम जला देंगे......

जिंदगी का सिंगार तुमसे है, हर तड़प का क़रार तुमसे है!
होने को तो है ये जहाँ लेकिन, मेरा तो सिर्फ प्यार तुमसे है!
"देव" पतझड़ से मेरे जीवन में, प्यार की ये फुहार तुमसे है,
फूल जैसे खिला मेरा चेहरा, जिंदगी में बहार तुमसे है!

तेरी राहों के सारे काँटों को, अपने हाथों से दूर करना है!
प्यार को ये जहां गुनाह कहे, मुझको पर ये कसूर करना है!

तेरे जीवन की रौशनी को हम, अपना दिल भी यहाँ जला देंगे!
चांदनी रात के उजालों से, प्यार का दीप हम जला देंगे!"

..............…चेतन रामकिशन "देव"…........................
दिनांक-२९.११.२०१३