♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥खुदा..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
खुदा का नूर जब भी चांदनी बनकर बरसता है!
अँधेरा दूर होता है, नया सूरज निकलता है!
यहाँ कानून के दर पर भले इन्साफ न हो पर .
वहां उसकी अदालत में, सही इंसाफ मिलता है!
यहाँ इन्सान मनमानी भला कब तक चलाएगा,
खुदा जब रूठ जाता है तो सारा जग दहलता है!
कभी मायूस न होना खुदा जो साथ न दे तो,
खुदा भी आदमी का इम्तिहां लेने निकलता है!
खुदा की शान में मैं और ज्यादा " देव" क्या लिखूं
नहीं दिखता मगर हर शे पे उसका हुक्म चलता है!"
"
उस अद्रश्य शक्ति को चाहें जिस नाम से पुकारो, उसका अस्तित्व तो कहीं न है, वो भले ही न दिखता हो पर उसके अस्तित्व को सही रखने पर सुखमय, सफलता भी देता है, और जब उसी के अस्तित्व को नजरंदाज किया जाता है तो वो कभी सुनामी, कभी जलजले, कभी हार देकर मानव को पुन सचेत भी करता है! मेरा ये मानना है, आपका क्या मानना है?
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-१४.०२.२०१२
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