Sunday 21 April 2013

♥♥गम की रात..♥♥


♥♥♥♥♥गम की रात..♥♥♥♥♥
दिल का हाल सुनाया जिसको!
अपना यहाँ बताया जिसको,
वही अँधेरा सोंप गया है,
दीपक सदा दिखाया जिसको!

काश हमारी आह समझते!
ये पथरीली राह समझते!
काश समझकर मेरे आंसू,
मेरे मन की चाह समझते!

वही गिराकर चला गया है,
मैंने सदा उठाया जिसको!
वही अँधेरा सोंप गया है,
दीपक यहाँ दिखाया जिसको...

गिला नहीं है उससे कोई,
ये किस्मत की बात है शायद!
इक दिन सूरज भी निकलेगा,
"देव" ये गम की रात है शायद!

मिला वही अनजानों जैसा,
दिल में सदा वसाया जिसको!
वही अँधेरा सोंप गया है,
दीपक यहाँ दिखाया जिसको!"

...चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-२१.०४.२०१३