Thursday 14 July 2016

♥♥तुम.....♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥तुम.....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
धवल छवि, सौंदर्य अनुपम, केश मुग्ध करते हैं मन को। 
तुम बिन मेरे साथ तिमिर था, तुमने श्वेत किया जीवन को। 
मेरे भावों की सरिता तुम,  मेरी कविता की परिचायक,
तुम पावन हो गंगाजल सी, तुमने सिद्ध किया चन्दन को। 

प्रेम ग्रन्थ के प्रसंगों को, अभिव्यक्ति का सार दिया है। 
सखी मेरे जीवन को तुमने, मनचाहा उपहार दिया है। 

मधुर सुरीला स्वर तुमने ही, दिया है पायल की छन छन को। 
तुम पावन हो गंगाजल सी, तुमने सिद्ध किया चन्दन को....

दीप प्रेम के हुये हैं पुलकित, उत्सव का अवसर लगता है। 
तुम से ही पथ सरल हमारा, स्वर्ग सा तुमसे घर लगता है। 
तुम पर्याय सुमन, फूलों की, उपवन का उल्लास है तुमसे,
बिन तेरे जीवन का एक क्षण, सोचने से भी डर लगता है। 

तुमने ही सूनी डाली पर, हरा भरा श्रृंगार किया है। 
तुमने शब्दों की ऊर्जा बन, भावों का विस्तार किया है। 

तुम संग मन का क्रोध है कमतर, भूल रहा हूँ मैं अनबन को। 
तुम पावन हो गंगाजल सी, तुमने सिद्ध किया चन्दन को....

तुम अपने दर्शन देकर के, मेरा मन हर्षित करती हो। 
बहुत बड़ा ह्रदय तुम्हारा, प्राण तलाक अर्पित करती हो। 
"देव" तुम्हारी मृदुभषिता सुनकर, मन को अच्छा लगता,
नहीं किसी का बुरा सोचतीं, तुम दुनिया का हित करती हो। 

तुमने मेरी अनुभूति का, हर क्षण ही सत्कार किया है। 
बड़ा भाग्य है सखी हमारा, मुझको तुमने प्यार दिया है। 

मिटा अँधेरा जो तुम आईं, तारे चमके अभिनन्दन को। 
तुम पावन हो गंगाजल सी, तुमने सिद्ध किया चन्दन को। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-१५.०७.२०१६ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "



Friday 8 July 2016

♥♥माँ......♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥माँ......♥♥♥♥♥♥♥♥
माँ की आँखों का प्यार प्यारा है। 
मैं हूँ साहिल तो माँ किनारा है। 
मेरे कानों में तब शहद सा घुले,
जब भी माँ ने मुझे पुकारा है। 

देखकर माँ को चैन मिलता है। 
घर में ममता का फूल खिलता है। 

माँ से रौशन ये घर हमारा है। 
माँ की आँखों का प्यार प्यारा है....

माँ सुगन्धित बहार जैसी है। 
माँ की बोली सितार जैसी है। 
माँ के स्पर्श से मिटा पीड़ा,
माँ तो शीतल फुहार जैसी है। 

माँ से ऊँचा न कोई रिश्ता है। 
माँ तो धरती पे एक फरिश्ता है। 

माँ ने ही आज कल संवारा है। 
माँ की आँखों का प्यार प्यारा है। 

माँ सुखद लोरियों की गायक है। 
माँ सुखद भावना की वाहक है। 
"देव" माँ का ये कद धरा जैसा,
माँ तपस्वी है और साधक है। 

माँ उमंगों में, माँ तरंगों में। 
माँ ही शामिल है, सात रंगों में। 

माँ तो ममता की दिव्य धारा है। 
माँ की आँखों का प्यार प्यारा है। "


अपनी दोनों माताओं को सादर समर्पित। 


........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-०८.०७.२०१६  
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "
मेरी ये कविता मेरी वेबसाइट http://www.kavicrkdev.com/ एवं ब्लॉग https://chetankavi.blogspot.in/ पर पूर्व प्रकाशित।

Tuesday 5 July 2016

♥बूँद बूँद आंसू......♥

♥♥♥♥♥♥बूँद बूँद आंसू......♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बूँद बूँद आंसू फूटे हैं, और हमारे दिल टूटे हैं। 
जो कहते थे हमको अपना, आज उन्होंने घर लूटे हैं। 
मानवता को तार तार कर, भरा खून से मेरा दामन,
अपना दर्द बताया हमने, तो कहते हैं हम झूठे हैं। 

ये कैसी दुनिया है जिसमें, नहीं दर्द की सुनवाई है। 
दिल रोता है बिलख बिलख कर, आँख हमारी भर आई है। 

पतझड़ है खुशियों पर फिर से, पीड़ा के अंकुर फूटे हैं। 
अपना दर्द बताया हमने, तो कहते हैं हम झूठे हैं....

वो सिक्कों के सौदागर, वो अपनायत क्या जानेंगे। 
जब मन होगा ठुकरा देंगे, जब मन होगा पहचानेंगे। 
हत्यारे हैं मेरे दिल के, रौंद दिया है अरमानों को,
कातिल हैं वो उन्हें पता है, लेकिन फिर भी न मानेंगे। 

दिल में कितना ज़हर भरा है, आज झलक ये दिखलाई है। 
फूल सूख कर बिखरे बिखरे, और कली भी मुरझाई है। 

लोग गिराकर आगे बढ़ते, लेकिन हम पीछे छूटे हैं। 
अपना दर्द बताया हमने, तो कहते हैं हम झूठे हैं....

नफ़रत का बारूद भरा है, पर नफरत से क्या मिलता है। 
फूल भी देखो सौंधी सौंधी सी, मिटटी में ही खिलता है। 
"देव " जहर नफरत का भरके, चैन रूह को मिल नहीं सकता,
चैन, सुकून तो इस दुनिया में, प्यार की बातों से मिलता है। 

केवल हाथ मिलाना छोड़ो, दिल में जो गहरी खाई है। 
मुझसे पूछो, मेरे लफ्ज़ से, ऐसा मंजर दुखदाई है। 

ख्वाब उसी की आँख से देखे, बदल गया, वो सब टूटे हैं। 
अपना दर्द बताया हमने, तो कहते हैं हम झूठे हैं। "

बदलाव और अभिमान का चश्मा लगाकर लोग, किसी की अन्तर्निहित भावना को, उसकी पीड़ा को, उसकी अनुभूति को ऐसे अनदेखा कर देते हैं, जैसे उनके अतिरिक्त इस संसार में किसी की भावना का कोई मूल्य न हो, पर किसी की पीड़ा, किसी की भावना को जान बूझकर हतोउत्साहित करना, सही तो नहीं ..............

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-०६.०७.२०१६ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 

मेरी ये कविता मेरी वेबसाइट एवं ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित।