♥♥♥♥♥♥तुम्हारा प्यार..♥♥♥♥♥♥
जब से मैंने प्यार तुम्हारा पाया है!जीवन का हर क्षण देखो मुस्काया है!
अब राहों में मुझको चुभते शूल नहीं,
तुमने फूलों का जो जाल बिछाया है!
प्यार तुम्हारा सपनों का आधार बना!
प्यार तुम्हारा शब्दों का उद्गार बना!
प्यार तुम्हारी नई रोशनी लाया है!
जब से मैंने प्यार तुम्हारा पाया है.......
प्यार तुम्हारा मेरे कलम की शक्ति है!
प्यार तुम्हारा हर पीड़ा की मुक्ति है!
प्यार तुम्हारा रेशम जैसा कोमल है,
प्यार तुम्हारा पूजा, वंदन, भक्ति है!
प्यार तुम्हारा मेरा तो सत्कार बना!
प्यार तुम्हारा शब्दों का श्रंगार बना!
प्यार ने देखो मीठा गीत सुनाया है! !
जब से मैंने प्यार तुम्हारा पाया है!"
"
प्रेम जहाँ होता है, वहां प्रेम करने वाले एक दूसरे को ख़ुशी देने के इए जुटे रहते हैं! वे खुद की ख़ुशी से उस वक़्त जयादा ख़ुशी महसूस करते हैं, जब उनका प्रेम करने वाला द्वितीय पक्ष प्रसन्न होता है! प्रेम सकारत्मक दृष्टिकोण देता है!"
"रचना मेरी प्रेरणा को समर्पित"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०८.०५.२०१२