♥♥♥♥♥♥उजाले...♥♥♥♥♥♥♥
अपने आंसू मेरे हवाले करो।
जिंदगानी में तुम उजाले करो।
जो मेरे लफ्ज़ तुमको दुख देते,
फूंककर उनके रंग काले करो।
दर्द तेरा मुझे भी होता है,
अपने पांवों में तुम न छाले करो।
मेरी खातिर क्यों इस कदर अर्पण,
खुद को रोटी के न यूँ लाले करो।
तुमको गिरने नहीं मैं दूंगा सुनो,
खुद को इतने भी न संभाले करो।
प्यार है मुझसे तो कहो खुलकर,
अपने होठों पे यूँ न ताले करो।
"देव" तेरा वजूद अम्बर सा,
मेरे क़दमों में सर न डाले करो। "
.....चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-०३.०६.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।
अपने आंसू मेरे हवाले करो।
जिंदगानी में तुम उजाले करो।
जो मेरे लफ्ज़ तुमको दुख देते,
फूंककर उनके रंग काले करो।
दर्द तेरा मुझे भी होता है,
अपने पांवों में तुम न छाले करो।
मेरी खातिर क्यों इस कदर अर्पण,
खुद को रोटी के न यूँ लाले करो।
तुमको गिरने नहीं मैं दूंगा सुनो,
खुद को इतने भी न संभाले करो।
प्यार है मुझसे तो कहो खुलकर,
अपने होठों पे यूँ न ताले करो।
"देव" तेरा वजूद अम्बर सा,
मेरे क़दमों में सर न डाले करो। "
.....चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-०३.०६.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।