Tuesday 29 May 2012

♥तेरी मोहब्बत..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥तेरी मोहब्बत..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मिली है जबसे तेरी मोहब्बत, ये मेरा जीवन सुधर गया है!
तुम्हारी चाहत की रौशनी से, हमारा हर पल निखर गया है!
तुम्हारा चेहरा है चाँद जैसा, हैं आँखे सुंदर सितारों जैसी ,
कि देखने को तुम्हारी सूरत यह पल भी जैसे ठहर गया है!

मुझे ख़ुशी है तेरी मोहब्बत, खुदा ने हमको दिलाई हमदम!
हमारी पतझड़ सी जिंदगानी, खुदा ने देखो सजाई हमदम!

तुम्हारा चेहरा हमारी रूह में, हमारे दिल में उतर गया है!
मिली है जबसे तेरी मोहब्बत, ये मेरा जीवन सुधर गया....

तेरी मोहब्बत ने मेरे हमदम, हमारा जीवन सरल बनाया!
पुराने मैले विचार धोकर, हमारे मन को नवल बनाया!
तुम्हारा आगम हुआ है जबसे, हमारा जीवन हुआ सुनहरा,
तेरी मोहब्बत ने मेरे घर को, हंसी-ख़ुशी का महल बनाया!

मुझे ख़ुशी है तेरी मोहब्बत, हजारों सपने खिला रही है!
हमारी राहों में रौशनी के, हजारों दीपक जला रही है!

तुम्हारी चाहत से जिंदगी का, हर एक कोना संवर गया है!
मिली है जबसे तेरी मोहब्बत, ये मेरा जीवन सुधर गया....

तेरी मोहब्बत मेरी इबादत, तेरी मोहब्बत मेरी ज़रूरत !
हमारे दिल में लगी हुई है, बहुत ही सुन्दर तुम्हारी मूरत!
खुदा को मैंने नहीं है देखा, मगर नहीं है मुझे शिकायत,
तुम्हारी सूरत में देखता हूँ, मैं "देव" अपने ख़ुदा की सूरत!

मुझे ख़ुशी है तेरी मोहब्बत, हमारे जीवन की ताजगी है!
नहीं है मन में घमंड कोई, हमारे जीवन में सादगी है!

हमारे पथ में हमारे हमदम, ख़ुशी का रेशम बिखर गया है!
मिली है जबसे तेरी मोहब्बत, ये मेरा जीवन सुधर गया!"


"
सच्चा प्रेम जीवन में शिक्षक की भांति मार्गदर्शन करता है और जीवन में सकारात्मकता आती है! उद्देश्य और लक्ष्य प्राप्ति का स्तर और ज्यादा गंभीर और दिशानुरूप हो जाता है! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-३०.०५.२०१२

रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!

♥प्रदूषित होती गंगा...♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रदूषित होती गंगा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
प्रदुषण से दूषित देखो, गंगा की जल धार हो रही!
अमृत जैसे गंगाजल में, कचरे की बौछार हो रही!

गंगा को माता कहकर भी, तन उसका गन्दा करते हैं!
माँ का आँचल चीर-2 कर, खनन का भी धंधा करते हैं!

आज सपूतों के हाथों ही, माँ की इज्ज़त तार हो रही!
प्रदुषण से दूषित देखो, गंगा की जल धार हो रही!"

..................चेतन रामकिशन "देव".................

Sunday 27 May 2012

♥बड़े बड़े अलफ़ाज..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥बड़े बड़े अलफ़ाज..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बड़े बड़े अलफ़ाज लिखेंगे, पर रखते हैं दिल वो छोटे!
कलमकार ऐसे भी देखे, जिनके मुख पे लगे मुखोटे!

लेखन होगा तभी सार्थक, पहले खुद पर अमल करें हम!
जो हम शब्दों में लिखते हैं, उन भावों को सबल करें हम!

चलो फेंक दो अपने मन से, ऐसी सोच के सिक्के खोटे !
बड़े बड़े अलफ़ाज लिखेंगे, पर रखते हैं दिल वो छोटे!"

.........."शुभ-दिन"...........चेतन रामकिशन "देव".........

Friday 25 May 2012

♥परिश्रम...♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥परिश्रम...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
चलो अपने परिश्रम से, समस्या को सुगम कर लो!
अगर पानी है मंजिल तो, उसे पाने का दम भर लो!

बिना प्रयास के दुनिया में कोई फल नहीं मिलता!
बिना विश्वास के जीवन में कोई बल नहीं मिलता!

कभी तो गैर के आंसू से भी, आँखों को नम कर लो!
चलो अपने परिश्रम से, समस्या को सुगम कर लो!"

.........."शुभ-दिन".....चेतन रामकिशन "देव".........

Wednesday 23 May 2012

♥पेट्रोल का मूल्य..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥पेट्रोल का मूल्य..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पेट्रोल का मूल्य देश में, बढ़ा है फिर एक बार!
वाहन का सञ्चालन करना, हुआ बड़ा दुश्वार!

क्षण भर में ही तेल मूल्य में,  साढ़े सात बढाए!
वाहन के संचालक, स्वामी, ये सुनकर मुरझाए!

देश की जनता को जी भरके लूट रही सरकार!
पेट्रोल का मूल्य देश में, बढ़ा है फिर एक बार!

....."शुभ-दिन"..चेतन रामकिशन "देव"......

♥पाबन्दी...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥पाबन्दी...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सखी का ख़त नहीं आया, नहीं सन्देश आया है!
सखी ने अपनी खिड़की से, नहीं पर्दा हटाया है!
मुझे लगता है वो भी बंध गई पाबन्दी में शायद,
तभी तो उसने मुझको देखकर, चेहरा छुपाया है!"

................चेतन रामकिशन 'देव"................

Tuesday 22 May 2012

♥सजग प्रयास♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सजग प्रयास♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सजग प्रयास से हमको, सफलता जग में पानी है!
करे जो गर्व ये दुनिया, छवि ऐसी बनानी है!

कभी अपनी नजर से, मंजिलों को दूर न करना!
तुम अपने ख्वाब के शीशे को, चकनाचूर न करना!

हमे वीराने में भी प्यार की, दुनिया वसानी है!
करे जो गर्व ये दुनिया, छवि ऐसी बनानी है! "

......"शुभ-दिन"..चेतन रामकिशन "देव"....

Monday 21 May 2012

♥परिवर्तन(क्रांति का आरम्भ) ♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥परिवर्तन(क्रांति का आरम्भ) ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
धुंधला जीवन स्वच्छ भी होगा, परिवर्तन के क्षण आने दो!
वृक्ष बनेंगे एक दिन निश्चित, नव-अंकुर को खिल जाने दो!


संसाधन से रहित हो किन्तु, अपने मन की सोच न मारो!
नहीं सीख कोई गर्भ से आता, अपना जीवन स्वयं सुधारो!
हाथ पे हाथ ही रखने भर से, नहीं सफलता करे सुशोभित,
यदि सफलता की इच्छा है तो सोच कर्म की मन में धारो!

अक्षमता की सोच से ग्रसित, मन का पक्षी उड़ जाने दो!
धुंधला जीवन स्वच्छ भी होगा, परिवर्तन के क्षण आने दो.....

कथनी मात्र के संबोधन से, जीवन में कहीं विजय नहीं है!
बिना युद्ध के, बिन कर्म के, विजय का संभव उदय नहीं है!
यदि तुम्हे भी हुयी है आदत, घुट घुट कर यूँ मर जाने की,
अन्य को क्या साहस दोगे, जब अपना जीवन अभय नहीं है!

भय से पीड़ित जीवन से तो, अच्छा उसको मर जाने दो!
धुंधला जीवन स्वच्छ भी होगा, परिवर्तन के क्षण आने दो.....

चापलूस बनकर दुनिया में, सोच न अपनी दूषित करना!
ह्रदय दुखाकर मिली रकम से, न ही जीवन भूषित करना!
जग में छाप छोड़नी है तो, "देव" बदलनी होगी ये नीति,
अपने दुरित कर्म से देखो, तुम सच को प्रदूषित न करना!

शीश झुकाने से अच्छा है, शीश को अपने कट जाने दो!
धुंधला जीवन स्वच्छ भी होगा, परिवर्तन के क्षण आने दो!"


"
यदि कुछ बनने की सोच मन में रखते हो तो, उसको पाने के लिए अपने सुप्त, आलसी, चापलूस मन की प्रकृति का परिवर्तन करना होगा, नीतियों का परिवर्तन करना होगा! चापलूस बनकर, गलत नीतियों को अपनाकर हम कुछ पलों के लिए अपने आप को भले ही हर्षित समझें किन्तु आपकी आत्मा, अंतर्मन आपको धिक्कारेगा, तो आइये चिंतन करें, कम से कम ऐसे बनें, जो अपने आप को दर्पण में देखने पर हम लाज न आए!"

रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!

चेतन रामकिशन "देव"

दिनांक--22.05.2012









Friday 18 May 2012

♥मोहब्बत की खेती.♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥मोहब्बत की खेती.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
करो खेती मोहब्बत की, न नफरत की फसल बोना!
अगर मिल जाए दौलत भी, तो अपना होश न खोना!


मिली है जिंदगी तो सुख भी होंगे, दुःख भी आयेंगे,
गमों के खौफ से डरकर, कभी जीवन में न रोना!


अगर इज्ज़त की चाहत है, तो इज्ज़त बाँटना सीखो,
कभी पीतल के अंकुर बोने से, उग पाए न सोना!"


........"शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव "...............

Thursday 17 May 2012

♥ये कैसी आधुनिकता..♥


♥♥♥♥♥♥♥ये कैसी आधुनिकता..♥♥♥♥♥♥♥♥
न नैतिकता, न मर्यादा, ये कैसी आधुनिकता है!
न जीवन में सरसता है, न वाणी में मधुरता है!

हम अपने तन के वस्त्रों को बहुत ही अल्प कर बैठे,
मगर इस नग्नता से, कौनसा सूरज निकलता है!

हम अपने आप को मदिरा के सागर में डूबा बैठे,
भला मदिरा के पीने से, कहाँ कोई हल निकलता है!"

.........."शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव".........

Wednesday 16 May 2012

♥एकता की डोर..♥


♥♥♥♥♥एकता की डोर..♥♥♥♥♥♥

सितमगर के सितम सहने की आदत छोड़नी होगी!
हमे रिश्तों की यह ज़ंजीर फिर से जोड़नी होगी!
वो ताकत जो शरारत से हमें आपस में लड़वाए,
हमे एक डोर में बंधकर, वो ताकत तोड़नी होगी!

........"शुभ-दिन".....चेतन रामकिशन "देव"............

Sunday 13 May 2012

♥उल्लास है माँ...♥


♥♥♥♥♥♥♥♥उल्लास है माँ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥

मेरी आँखों की चमक, चेहरे का उल्लास है माँ!
सात रंगों की सजावट भरा, आकाश है माँ!
माँ की तुलना नहीं, उपमा नहीं हो सकती है,
धरती पर ईश के स्वरूप का आभास है माँ!

मेरी पीड़ा में भी, माँ मुझको सहारा देती!
मेरी किश्ती को भी तूफां में किनारा देती!

मेरी सच्चाई का पालक, मेरा विश्वास है माँ!
मेरी आँखों की चमक, चेहरे का उल्लास है माँ!"

"
विश्व माँ दिवस पर अपनी दोनों माताओं और संसार की प्रत्येक माँ को
समर्पित पंक्तियाँ"

चेतन रामकिशन "देव"

♥उलफ़त भरे एहसास.♥


♥♥♥♥♥♥उलफ़त भरे एहसास.♥♥♥♥♥♥♥

दिल में उलफ़त भरे एहसास जगाना सीखो!
अपने आंसू ज़रा हिम्मत से सुखाना सीखो!

झूठ के किस्से कसीदों से न कुछ पाओगे
छोड़ के झूठ ज़रा, सच को निभाना सीखो!

जिंदगी दर्द से लबरेज़ है पहले ही बहुत ,
हो सके तो किसी रोते को, हँसाना सीखो!

धर्म के नाम पे लोगों को ना गुमराह करो
हिन्दू मुस्लिम नहीं इन्सान बनाना सीखो!"

.."शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"...

Saturday 12 May 2012

♥♥प्रतीक्षा की पीड़ा.♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रतीक्षा की पीड़ा.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥

तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा हूँ, सखी सुबह की प्रथम किरण से!
हमारी मूरत भी घिस रही है, दुखों की वायु के इस क्षरण से!
तुम्हारे बिन लगते हैं अधूरे, मेरा दिवस और सखी निशा भी,
सखी तुम आकर के शीघ्रता से, जरा बचा लो हमे मरण से!"

......................चेतन रामकिशन "देव".......................

Friday 11 May 2012

♥प्यार भरा स्पर्श..♥♥


♥♥♥♥♥♥प्यार भरा स्पर्श..♥♥♥♥♥♥♥♥

कभी किसी रोते के सर पर, प्यार से हाथ फिराकर देखो!
सुकूं मिलेगा तुमको यारों, सच का साथ निभाकर देखो!


अपने पथ में फूलों की तो, चाह सभी को रहती लेकिन,
कभी मगर तुम गैर के पथ से, कांटा कोई हटाकर देखो!


इस दुनिया में जीते जी ही, पाओगे जन्नत सी खुशियाँ,
अपनी माँ के क़दमों में तुम, गर्दन जरा झुकाकर देखो!"


दिल के दर्द को दिल में रखकर, "देव" नहीं बारूद बनाना,
दोस्त के कंधे पे सर रखकर, अपना हाल सुनाकर देखो!"


.........."शुभ-दिन"......चेतन रामकिशन "देव"...........

Tuesday 8 May 2012

♥♥♥तुम्हारा प्यार..♥♥♥


♥♥♥♥♥♥तुम्हारा प्यार..♥♥♥♥♥♥

जब से मैंने प्यार तुम्हारा पाया है!
जीवन का हर क्षण देखो मुस्काया है!
अब राहों में मुझको चुभते शूल नहीं,
तुमने फूलों का जो जाल बिछाया है!

प्यार तुम्हारा सपनों का आधार बना!
प्यार तुम्हारा शब्दों का उद्गार बना!

प्यार तुम्हारी नई रोशनी लाया है!
जब से मैंने प्यार तुम्हारा पाया है.......

प्यार तुम्हारा मेरे कलम की शक्ति है!
प्यार तुम्हारा हर पीड़ा की मुक्ति है!
प्यार तुम्हारा रेशम जैसा कोमल है,
प्यार तुम्हारा पूजा, वंदन, भक्ति है!

प्यार तुम्हारा मेरा तो सत्कार बना!
प्यार तुम्हारा शब्दों का श्रंगार बना!

प्यार ने देखो मीठा गीत सुनाया है! !
जब से मैंने प्यार तुम्हारा पाया है!"


"
प्रेम जहाँ होता है, वहां प्रेम करने वाले एक दूसरे को ख़ुशी देने के इए जुटे रहते हैं! वे खुद की ख़ुशी से उस वक़्त जयादा ख़ुशी महसूस करते हैं, जब उनका प्रेम करने वाला द्वितीय पक्ष प्रसन्न होता है! प्रेम सकारत्मक दृष्टिकोण देता है!"

"रचना मेरी प्रेरणा को समर्पित"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०८.०५.२०१२

Sunday 6 May 2012

♥♥फूलों के पथ ♥


♥♥♥♥♥♥♥फूलों के पथ ♥♥♥♥♥♥♥

जीवन में फूलों के पथ भी आयेंगे,
आज मगर तुम काँटों से डरते क्यूँ हो!

ये सच है के मौत तो एक दिन आएगी,
पर जीवन में जीते जी मरते क्यूँ हो!

जो दुनिया नफरत की आँखों से देखे,
काम ज़माने में ऐसा करते क्यूँ हो!

नहीं सुकूं मिलता है ऐसी दौलत से,
लूट-पाट कर अपना घर भरते क्यूँ हो!"

..."शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव"...

Saturday 5 May 2012

♥♥♥♥मेरी संगिनी..♥♥♥♥


♥♥♥♥मेरी संगिनी..♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥मेरी संगिनी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मेरी ख़ामोशी में भी, मुझसे बोलती हो तुम!
जिंदगी में ख़ुशी का रंग, घोलती हो तुम!
मेरे चेहरे की थकन, पल में ही मिट जाती है,
घर का दरवाजा जब भी, हंसके खोलती हो तुम!"
.............चेतन रामकिशन "देव"..................

Friday 4 May 2012

♥आत्मविश्वास.♥


♥♥♥♥♥♥♥♥आत्मविश्वास.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥

अँधेरा नष्ट कर आकाश में सूरज निकल आया!
उजाले की किरण से रोशनी का रंग खिल आया!

आशाओं से मन का तिमिर, अब दूर कर दें हम!
दिलों में पनपी नफरत को जरा बेनूर कर दें हम!

किया संघर्ष तो सूखे में भी, पानी निकल आया!
अँधेरा नष्ट कर आकाश में सूरज निकल आया!"

......."शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"........

Thursday 3 May 2012

♥♥सच का दीपक..♥♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥सच का दीपक..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥

गमों के खौफ से डरकर, कभी भयभीत न होना!
तुम अपनी जिंदगी से प्यार का संगीत न खोना!

जो सच के साथ रहते हैं, उन्ही का नाम होता है!
उन्ही का नाम हर इतिहास में अभिराम होता है!

जो चाहते हो सुकूं तो, झूठ के मनमीत न होना!
गमों के खौफ से डरकर, कभी भयभीत न होना!"

....."शुभ-दिन".......चेतन रामकिशन "देव".....

अभिराम-सुन्दर

Wednesday 2 May 2012

♥नारी( अनमोल चरित्र)♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥नारी( अनमोल चरित्र)♥♥♥♥♥♥♥

नहीं उपभोग की वस्तु, न नारी दास होती है!
हर एक रिश्ते में नारी, प्रेम का आभास होती है!
हमारे दुःख में देती साथ वो हमदर्द बनकर के,
सदा ही चन्द्र किरणों का धवल प्रकाश होती है!

यदि नारी नहीं होती तो, सब कुछ विषम होता!
नहीं सहयोगिता होती, नहीं जीवन सुगम होता!

है नारी हर्ष की रूपक, सुखद उल्लास होती है!
नहीं उपभोग की वस्तु, न नारी दास होती है......

हर सम्बन्ध में कर्तव्य का पालन वो करती है!
पुरुष की जिंदगी में प्यार का हर रंग भरती है!
हमारी मुश्किलों में भी, हमे सहयोग देती है,
हमे वो भूल से भी दुःख तड़प देने से डरती है!

बिना नारी के तो संतान का न जन्म संभव है!
बिना नारी के तो संसार की रचना असंभव है!

है नारी पुष्पों की माला, यही अधिवास होती है!
नहीं उपभोग की वस्तु, न नारी दास होती है......

न नारी धन की भूखी है, महज सम्मान चाहती है!
सरल व्यवहार चाहती है, वो स्वाभिमान चाहती है!
भले पूजन न तुम उसका करो, देवी के रूपों में,
पुरुष के जैसा समतापूर्ण, वो आह्वान चाहती है!

जहाँ नारी नहीं होती, वहां न हर्ष होता है!
बिना नारी पुरुष जीवन, नहीं उत्कर्ष होता है!

ये नारी सप्तरंगी किरणों का, आकाश होती है!
नहीं उपभोग की वस्तु, न नारी दास होती है!"

" नारी- संसार की रचना, कल्पना उसके बिना अधूरी है! नारी का अर्थ व्यापक है, वो उपभोग की वस्तु नहीं है, वो दास नहीं, वो धन और दौलत के अथाह भंडार नहीं चाहती, वो बस समता. स्वाभिमान और प्रेम चाहती है! तो आइये जरा चिंतन करें और नारी का सम्मान समता के साथ करें! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०३.०५.२०१२

उक्त रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!
सर्वाधिकार सुरक्षित!










Tuesday 1 May 2012

♥♥♥♥♥♥प्यार का फीका रंग..♥♥♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥प्यार का फीका रंग..♥♥♥♥♥♥♥♥

प्यार का रंग भी फीका सा पड़ गया अब तो,
न ही जूही है, नहीं चंपा, न चमेली है!

मेरी खुशियों पे भी ताला सा पड़ गया अब तो,
जिंदगी जिंदगी नहीं है अब पहेली है!

आज उसने भी मुझे देखा है हैरत से यूँ,
जबकि वो साथ पढ़ी और साथ खेली है!

जिंदगी से मुझे हर लम्हा ही मिले आंसू,
ऐसा लगता है के बस मौत अब सहेली है!"

"
आज प्रेम के इस रूप को लिखने का मन हुआ,
प्रेम यदि हर्ष देता है तो पीड़ा भी!"

चेतन रामकिशन "देव"
 

♥♥♥♥♥♥♥♥शालीनता..♥♥♥♥♥♥♥♥♥

हमको थककर के कभी चूर नहीं होना है!
हमको मानवता से न दूर कभी होना है!


लोग जो याद करें हमको ऐसा बनना है,
हमको भूले से भी मगरूर नहीं होना है!


लोग जो तंज कसें हमपर लूटमारी का,
हमको इस तरह, मशहूर नहीं होना है!"


..."शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव"...