Friday, 18 May 2012

♥मोहब्बत की खेती.♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥मोहब्बत की खेती.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
करो खेती मोहब्बत की, न नफरत की फसल बोना!
अगर मिल जाए दौलत भी, तो अपना होश न खोना!


मिली है जिंदगी तो सुख भी होंगे, दुःख भी आयेंगे,
गमों के खौफ से डरकर, कभी जीवन में न रोना!


अगर इज्ज़त की चाहत है, तो इज्ज़त बाँटना सीखो,
कभी पीतल के अंकुर बोने से, उग पाए न सोना!"


........"शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव "...............

1 comment:

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

चेतन राम किशन देव जी बहुत सुन्दर सन्देश ..सुन्दर मूल भाव लिए रचना ...काश लोग इसे गले से उतारें ...
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण