♥♥♥♥♥♥♥फूल...♥♥♥♥♥♥♥♥
फूल काँटों में जब खिले होंगे।
देखकर कितने दिल जले होंगे।
बाद अरसे के मिलने पे हो पता,
हमसे कितने उन्हें गिले होंगे।
वो तो मुफ़लिस है और दवा महंगी,
घाव हाथों से ही सिले होंगे।
प्यार में दिन का हर पहर उनका,
रात को ख्वाब में मिले होंगे।
वो यकीं चाहकर भी कर न सके,
जिनके अरमान बस छले होंगे।
उनको मालूम क्या मोहब्बत है,
जिस्म से खून जो मले होंगे।
"देव " अपने हैं सिर्फ वो देखो,
दर्द में साथ जो चले होंगे। "
.....चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-०२.१२.२०१४