Tuesday 16 July 2013

♥♥रात की खामोशी..♥♥

♥♥♥♥♥♥रात की खामोशी..♥♥♥♥♥♥♥♥
रात खामोश है पर, ख्वाबों की किलकारी है!
जिंदगी जैसी भी है, मुझको बड़ी प्यारी है!

चाँद सुन्दर है, वो प्यारा है, ये हकीक़त है,
माँ की ममता तो मगर चाँद से उजियारी है!

बड़ी मासूम है, दिल प्यार से भरा उसका,
जैसे अम्बर से परी, धरती पे उतारी है!

आज दौलत के लिए, कितना गिर गया इन्सां,
भाई ने भाई को ही, आज छुरी मारी है!

नहीं जिद करना कभी, मेरे अश्क पीने की,
मेरी आँखों की झील, सच में बड़ी खारी है!

एक पल को भी कभी, हम न मिल सके लेकिन,
फिर भी मिलने की दुआ, हर घड़ी ही जारी है!

"देव" जिन लोगों को, कुदरत ने कर दिया तन्हा,
ऐसे इन्सां को हर एक सांस, बड़ी भारी है!"

..............चेतन रामकिशन "देव".............
दिनांक-१६.०७.२०१३