Thursday 11 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥वक्त..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
वक्त तो वक्त है, अच्छा भी है, खराब भी है!
जिंदगी स्याह कभी और आफ़ताब भी है!

कोई हँसता है यहाँ, चेहरे पर रौनक लेकर,
किसी की आंख में, आंसू भरा सैलाब भी है!

कोई तो तरसे यहाँ, एक बूंद भर पानी को,
किसी की राह में बहती, यहाँ शराब भी है!

कोयला खोदने वाला यहाँ काला पड़ता,
कोयला बेचने वाला यहाँ महताब भी है!

"देव" गुमनामी में मर जाता है कोई देखो,
कोई दुनिया में मगर हीरे सा, नायाब भी है!"

"वक्त-का अपना एक नियम है! कभी वक्त अच्छा होता है तो कभी ख़राब! कभी वक्त हमे उत्कृष्टता प्रदान करता है तो वहीँ कभी ये वक्त जमींदोज कर देता है! वक्त के इन्ही क्षणों को शब्द देने भर की कोशिश की है.."

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-१२.१०.२०१२

सर्वाधिकार सुरक्षित!
ये रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!


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दूर हो मुझसे मगर पास नजर आती हो!
रात में ख्वाब की तरह से मचल जाती हो!
जब भी होता है अँधेरा मेरे जीवन पथ में,
चांदनी बनके चंहुओर तुम खिल जाती हो!"

..........चेतन रामकिशन "देव"...........

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बंद आँखों से न ख्वाबों का नजारा देखो!
उतरो सागर में नहीं सिर्फ किनारा देखो!

तुमको पानी है जो, जीवन में बुलंदी अपने,
करो मेहनत नहीं किस्मत का सितारा देखो!

जिंदगी है तो यहाँ दुख भी और सुख भी हैं,
बिना दुख के नहीं, जीवन का गुजारा देखो!

मुल्क में छूट भी मिलती है बस अमीरों को,
कोई बनता नहीं, मुफलिस का सहारा देखो!

मिट रहे रिश्ते "देव", चंद रुपयों की खातिर,
बाप को बेटे ने, बेदर्दी से मारा देखो!"

................चेतन रामकिशन "देव".............