♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥जुदाई (सूनेपन का दौर )♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"सूनी सूनी आंख तरसती, सूना मन का आंगन!
सूनी सी पहचान हो गई, सूना सा अभिवादन!
सूने सूने पथ पर अब, चलना दुष्कर लगता है,
सूना सूना जीवन करके, चला गया मनभावन!
जीता हूँ अब सिर्फ नाम को, जीवन नहीं बचा है!
गम की धूप में चेहरा झुलसा, झुलसी मेरी त्वचा है!
इतना सब कुछ सहता हूँ, पर प्यार उसी को करता!
वो शामिल है मेरे खून में, रोम रोम में वसता.....................
अपनी खिड़की के परदे भी, उसने गिरा दिए हैं!
मेरे खून से लिखे ख़त भी, उसने जला दिए हैं!
साथ जिएंगे, साथ मरेंगे, साथ नहीं छोड़ेंगे,
अपने लाभ की खातिर, सारे वादे भुला दिए हैं!
रंग हर्ष के धुंधले पड़ गए, जीवन नहीं रचा है!
गम की धूप में चेहरा झुलसा, झुलसी मेरी त्वचा है!
उसके चित्र बनाकर के, श्रृंगार उसी को करता!
वो शामिल है मेरे खून में, रोम रोम में वसता.........................
प्यार नहीं कोई वस्त्र पुराना, जिसको बदला जाए!
प्यार नहीं कोई खेल जिस्म का, जिसको खेला जाए!
अपने लाभ की आंधी में,तुम प्यार को नहीं लपेटो,
प्रेम तो अमृत रस है, जो जीवन में घोला जाए!
प्रेम बिना सब कुछ सूना है, प्रेम ने जहाँ रचा है!
गम की धूप में चेहरा झुलसा, झुलसी मेरी त्वचा है!
"देव" मेरे मन का स्वामी, सत्कार उसी को करता!
वो शामिल है मेरे खून में, रोम रोम में वसता!"
" प्यार को सहेजकर रखो, ये कोई व्यर्थ की वस्तु नहीं बल्कि जीवन कि सुखद ईमारत का आधार है!-चेतन रामकिशन (देव)"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ separation (solitarily round) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"lonely eyes lonely pines, empty courtyard of the mind!
Identified as the lonely, lonely little greeting!
suna lonely path now seems difficult to walk,
Lonely by lonely life, went pleasing!
I won the only name now, do not save lives!
Sad face in the scorching sun, burnt my skin!
Bears so much, but I do only for love!
It is included in my blood, flows in the veins.................
Even my window screen, he has fallen!
Written letter from my blood, even if he burned down!
Live together, die together, with no leave,
For the sake of their profits, all promises are forgotten!
Have dim the joy of color, life is not staged!
Sad face in the scorching sun, burnt my skin!
By his picture in mind, to make do the same!
It is included in my blood, flows in the veins.........................
Love an old garment, which is changed!
Love of a sports body, which is played!
Blowing your benefits, you do not love wrap
Love the nectar juice, which is diluted in life!
Without love, everything is heard, which is staged by love!
Sad face in the scorching sun, burnt my skin!
"Dev" is the master of my mind, respect does the same!
It is included in my blood, flows in the veins!"
"Keep saving love, it's a useless thing rather pleasant building that is the foundation of life!-chetan ramkishan (Dev)"
"सूनी सूनी आंख तरसती, सूना मन का आंगन!
सूनी सी पहचान हो गई, सूना सा अभिवादन!
सूने सूने पथ पर अब, चलना दुष्कर लगता है,
सूना सूना जीवन करके, चला गया मनभावन!
जीता हूँ अब सिर्फ नाम को, जीवन नहीं बचा है!
गम की धूप में चेहरा झुलसा, झुलसी मेरी त्वचा है!
इतना सब कुछ सहता हूँ, पर प्यार उसी को करता!
वो शामिल है मेरे खून में, रोम रोम में वसता.....................
अपनी खिड़की के परदे भी, उसने गिरा दिए हैं!
मेरे खून से लिखे ख़त भी, उसने जला दिए हैं!
साथ जिएंगे, साथ मरेंगे, साथ नहीं छोड़ेंगे,
अपने लाभ की खातिर, सारे वादे भुला दिए हैं!
रंग हर्ष के धुंधले पड़ गए, जीवन नहीं रचा है!
गम की धूप में चेहरा झुलसा, झुलसी मेरी त्वचा है!
उसके चित्र बनाकर के, श्रृंगार उसी को करता!
वो शामिल है मेरे खून में, रोम रोम में वसता.........................
प्यार नहीं कोई वस्त्र पुराना, जिसको बदला जाए!
प्यार नहीं कोई खेल जिस्म का, जिसको खेला जाए!
अपने लाभ की आंधी में,तुम प्यार को नहीं लपेटो,
प्रेम तो अमृत रस है, जो जीवन में घोला जाए!
प्रेम बिना सब कुछ सूना है, प्रेम ने जहाँ रचा है!
गम की धूप में चेहरा झुलसा, झुलसी मेरी त्वचा है!
"देव" मेरे मन का स्वामी, सत्कार उसी को करता!
वो शामिल है मेरे खून में, रोम रोम में वसता!"
" प्यार को सहेजकर रखो, ये कोई व्यर्थ की वस्तु नहीं बल्कि जीवन कि सुखद ईमारत का आधार है!-चेतन रामकिशन (देव)"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ separation (solitarily round) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"lonely eyes lonely pines, empty courtyard of the mind!
Identified as the lonely, lonely little greeting!
suna lonely path now seems difficult to walk,
Lonely by lonely life, went pleasing!
I won the only name now, do not save lives!
Sad face in the scorching sun, burnt my skin!
Bears so much, but I do only for love!
It is included in my blood, flows in the veins.................
Even my window screen, he has fallen!
Written letter from my blood, even if he burned down!
Live together, die together, with no leave,
For the sake of their profits, all promises are forgotten!
Have dim the joy of color, life is not staged!
Sad face in the scorching sun, burnt my skin!
By his picture in mind, to make do the same!
It is included in my blood, flows in the veins.........................
Love an old garment, which is changed!
Love of a sports body, which is played!
Blowing your benefits, you do not love wrap
Love the nectar juice, which is diluted in life!
Without love, everything is heard, which is staged by love!
Sad face in the scorching sun, burnt my skin!
"Dev" is the master of my mind, respect does the same!
It is included in my blood, flows in the veins!"
"Keep saving love, it's a useless thing rather pleasant building that is the foundation of life!-chetan ramkishan (Dev)"