Tuesday, 3 December 2013

♥♥अपना ईमां..♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥अपना ईमां..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
चंद सिक्कों के लिए अपना ईमां मत बेचो!
तुम सियासत के लिए सच की दुकां मत बेचो!

बड़ी मेहनत से गरीबों ने घर बनाये हैं,
अपनी कोठी के लिए उनके मकां मत बेचो!

रोक सकते हो तो रोको ज़हर की चिमनी को,
किसी मज़लूम के चूल्हे का धुआं मत बेचो!

जो बुजुर्गों ने हमें प्यार वफ़ा सिखलाई,
अपनी नफरत के लिए तुम वो निशां मत बेचो!

आबरू है यहाँ लड़की को जान से ज्यादा,
अपनी बहशत के लिए उसका जहां मत बेचो!

भले दुनिया में हक़ीक़त की डगर मुश्किल है,
अपनी आसानी को पर, सच के बयां मत बेचो!

"देव" कुछ तो यहाँ रक्खो लिहाज कसमों की,
अपने मतलब के लिए, अपनी जबां मत बेचो!"

.............चेतन रामकिशन "देव"…..........
दिनांक-०३.१२.२०१३