Friday, 27 July 2012

♥भारत(हमारा घर)..♥


♥♥♥♥♥भारत(हमारा घर)..♥♥♥♥♥
इस भारत को दिशाहीन न होने दो!
इस भारत की इज्ज़त तुम न खोने दो!
आओ देश के हित में काम करें ऐसे,
माँ जननी को सुबक सुबक न रोने दो!

मातृभूमि का जो सम्मान नहीं होगा!
विश्वपटल पर हिंदुस्तान नहीं होगा!

मातृभूमि का तुम अपमान न होने दो!
इस भारत को दिशाहीन न होने दो.....

खंड-खंड तुम भारत को करना छोड़ो!
जात-धर्म के नाम पे तुम लड़ना छोड़ो!
सब आपस में एकजुटता का प्रण लेकर,
तुम भारत के दुश्मन से डरना छोड़ो!

देशप्रेम के भावों का, श्रंगार करो!
माँ जननी की सेवा और सत्कार करो!

माँ जननी का रंग रूप न खोने दो!
इस भारत को दिशाहीन न होने दो.....

इस भारत की मिटटी को प्रणाम करो!
जग में ऊँचा तुम भारत का नाम करो!
अपने मनसूबे पूरे करने के लिए,
इस भारत को "देव" नहीं नीलाम करो!

जन्मभूमि पे फूलों की बौछार करो!
देश के सभी शहीदों का आभार करो!

ध्वज तिरंगे को मैला न होने दो!
इस भारत को दिशाहीन न होने दो!"

"
भारत-जिस धरती पर जन्म लिया हमने, जिस मिट्टी पर अपना जीवन यापन किया हमने, बहुत महान होती है जन्मभूमि, वन्दनीय, पूजनीय और गर्व करने योग्य! तो आइये हमेशा शहीदों को नमन करते हुए, देश का सम्मान करें!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-२८.०७.२०१२

रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!









♥♥♥माँ♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥माँ♥♥♥♥♥♥
ममता का स्पर्श है माँ!
हर बच्चे का हर्ष है माँ
अच्छी बात हमे सिखलाती,
जीवन का आदर्श है माँ!

माँ ईश्वर की अनुपम कृति,,
दयावान स्वरुप!
गर्मी में शीतल वायु है
और सर्दी में धूप!

ममता का स्पर्श है माँ!
हर बच्चे का हर्ष है माँ

माँ शक्ति है, माँ रक्षक है!
माँ बच्चों की संरक्षक है!
सत्य पथों पर हमे चलाए,
माँ ज्ञानी है, माँ शिक्षक है!

माँ के मुख से बच्चे सुनते,
मधुर सुरीला गान!
माँ को देखके आ जाती है,
अधरों पे मुस्कान!

ममता का स्पर्श है माँ!
हर बच्चे का हर्ष है माँ!"

"
अपनी माँ "प्रेमलता" जी को समर्पित पंक्तियाँ!"

चेतन रामकिशन "देव"