Thursday, 8 March 2012

ये कैसी नारी-मुक्ति..


♥♥♥♥♥♥♥♥ये कैसी नारी-मुक्ति..♥♥♥♥♥♥♥♥
मंच-मात्र से भाषण देना, नारी का उत्थान नहीं है!
चंद नारियां उठी हैं ऊँची, बाकी की पहचान नहीं है!

नारी के उत्थान को हमको, गाँव-२ भी जाना होगा!
उसके अधिकारों के प्रति, उसे हमे समझाना होगा!
नारी को भी देना होगा, मूल-मंत्र शिक्षा का हमको,
नारी को भी मर्यादा का, ज्ञान हमे करवाना होगा!

हम सबको ये मानना होगा, नारी भी बेजान नहीं है!
चंद नारियां उठी हैं ऊँची, बाकी की पहचान नहीं है!"



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आज महिला दिवस है! कुछ नारियों की बात छोड़ दें तो बहुसंख्यक नारियां अभी भी स्याह में गुम हैं, क्यूंकि जो नारियां उत्थान कर जाती हैं वे भी उनके विकास के लिए, उत्थान के लिए अपेक्षाकृत रचनात्मक कार्य नहीं कर पाती मात्र शहर की नारियों के उत्थान से नारी मुक्ति/ उत्थान असंभव है, क्यूंकि देश की बहुसंख्यक नारी गाँव में रहती है! तो उधर भी देखना होगा!"

"महिला शक्ति को नमन"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०८.०३.२०१२