Wednesday, 11 December 2013

♥♥चांदनी रात..♥♥

♥♥♥♥चांदनी रात..♥♥♥♥♥
चांदनी रात का असर होगा!
कभी रोशन हमारा घर होगा! 

साथ तेरा जो मुझको मिल जाये,
फिर किसी बात का न डर होगा!

कोई मुश्किल न रास्ता रोके,
माँ के सजदे में जो ये सर होगा!

अपनी मंजिल को ढूँढ लेंगे हम,
अपने हाथों में जो हुनर होगा!

रूह में जब तुम वसा लूंगा,
तेरा दीदार हर पहर होगा!

कैसे अधरों से फूल बरसेंगे,
अपने लफ्जों में जब जहर होगा!

"देव" जिस रोज होगा अपना मिलन,
महका महका सा ये शहर होगा!"

....चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक-११.१२.२०१३