Saturday 19 October 2013

♥♥तुम्हारी ख्वाहिशें..♥♥

♥♥♥♥♥♥♥तुम्हारी ख्वाहिशें..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
प्यार तेरा मिल गया तो, ये जहाँ भी खिल गया है!
प्यार के मरहम से मेरा, घाव एक एक सिल गया है!
जिंदगी में कोई हसरत, कोई ख्वाहिश न रही अब,
जब से तेरा प्यार पाया, मुझको सब कुछ मिल गया है!

बिना परों के उड़ रहा हूँ, मैं तुम्हारा प्यार पाकर!
लिख रहा हूँ गीत कोई, तुमको शब्दों में वसाकर!
आज बेशक हम ख्यालों की, डगर पर चल रहे हैं,
एक दिन पर आएगा जब, हम मिलेंगे पास आकर!

प्यार की भीगी लहर से, सूखा तट भी धुल गया है!
प्यार तेरा मिल गया तो, ये जहाँ भी खिल गया है!

हमको हसरत है तुम्हारी, तुमको चाहत है हमारी!
कुछ हमारी खींचातानी, कुछ शरारत है तुम्हारी!
"देव" एक पल की भी दूरी, रास अब आती नहीं है,
हमको तेरी आरजू है, तुमको है आदत हमारी!

प्यार पाकर जिंदगी में, द्वार सुख का खुल गया है!
प्यार तेरा मिल गया तो, ये जहाँ भी खिल गया है!"

….........…चेतन रामकिशन "देव"..............
दिनांक-१९.१०.२०१३