♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सुगन्धित फूल..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सुगन्धित फूल के जैसी, मेरे दिल को लुभाती हो!
मेरी आँखों में सपनों की, नयी दुनिया वसाती हो!
मधुर हो तुम मधु जैसी, बड़ी कोमल हो रेशम सी!
हो गंगाजल सी तुम पावन, सखी सुन्दर हो झेलम सी!
तुम्हारा रूप है जैसे, दमकती लालिमा कोई,
अमावस थम गईं सारी, सखी तुम रात पूनम सी!
बड़ा आराम मिलता है, मुझे हँसना सिखाती हो!
सुगन्धित फूल के जैसी, मेरे दिल को लुभाती हो!"
................चेतन रामकिशन "देव"...............
दिनांक-०४.०२.२०१३