Saturday, 20 August 2011

♥ माँ तू कहाँ है... ♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥ माँ तू कहाँ है... ♥♥♥♥♥♥♥♥
"माँ तू कहाँ है?
माँ तू कहाँ है?

आज माँ तेरी कमी का हो रहा एहसास है!
यूँ तो धन भी है बहुत और घर भी मेरे पास है!
आज पर जाना ये मैंने, माँ तेरे बिन कुछ नहीं,
उससे ज्यादा क्या अमीरी, माँ जो जिसके पास है!

उन घरों में रहती रौनक,
तेरे पग जहाँ हैं!
माँ तू कहाँ है.....माँ तू कहाँ है.....

तेरा दिल मैंने दुखाया, आज मुझको दुःख बड़ा!
तेरी आँखों को रुलाया, आज मुझको दुःख बड़ा!
माँ तेरा अपमान करके, मैं भी अब बेनूर हूँ,
माँ मुझे अपना ले फिर से, तेरा दर पर हूँ खड़ा!

तेरे कदमों में है जन्नत,
मेरे तो जहां है!
माँ तू कहाँ है.....माँ तू कहाँ है.....

मैं यहाँ हूँ लाल मेरे, आज मेरे पास तू!
न बहा आँखों से आंसू, न हो अब उदास तू!
माँ के दिल जैसा कहीं होता नहीं है दूसरा,
तोड़ना न फिर दुबारा, एक माँ की आस तू!

माँ का मन होता वहीं हैं,
लाल उसका जहाँ है!

माँ तू कहाँ है.....माँ तू कहाँ है....."


"माँ- बिना उसके कुछ भी नहीं, लाल से ये न समझना की लाली कुछ नहीं, माँ की आँखों में कोई भेद नहीं, समान ममता! आओ माँ का सम्मान करें- चेतन रामकिशन "देव"