Tuesday, 10 December 2013

♥♥♥तेरी जीत...♥♥♥

♥♥♥♥♥तेरी जीत...♥♥♥♥♥♥
हारकर तेरी जीत बन जाऊं!
गुनगुनाओ तो गीत बन जाऊं!

नाम के प्यार की नहीं ख्वाहिश,
गर निभाओ तो मीत बन जाऊं!

धूप की जब तपन सताए तुम्हे,
ओस की तरह शीत बन जाऊं!

तेरी आँखों की मैं खुशी के लिए, 
फूल सरसों का पीत बन जाऊं!

तेरी चाहत की चांदनी मलकर,
मैं भी पावन पुनीत बन जाऊं!

याद करके जो सीख ले दुनिया,
ऐसा दिलकश अतीत बन जाऊं!

"देव" हंसकर के जो निभायें सब,
प्यार की ऐसी रीत बन जाऊं!"

....चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक-१०.१२.२०१३