Friday, 30 August 2013

♥♥मेरे पास...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥मेरे पास...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
दूरियां खत्म करो, मेरे पास हो जाओ!
मेरी गजलों का सखी, तुम लिबास हो जाओ!
अपने चेहरे की हंसी, नाम तेरे कर दूंगा,
दर्द से तुम जो कभी, गर उदास हो जाओ!

तेरी जुल्फों के लिए, फूल मैं बन जाऊंगा!
थाम के हाथ तुझे, रास्ता दिखाऊंगा!
देखके मुझको तेरे, होठों पे हंसी आये,
देखके तुझको सखी, मैं भी मुस्कुराऊंगा! 

प्यार ये अपना सखी, हमको अमर करना है!
हर जनम में तुझे पाने का, जतन करना है!

मेरे एहसास में रब बनके, वास हो जाओ!
दूरियां खत्म करो, मेरे पास हो जाओ!"

..........चेतन रामकिशन "देव"............
दिनांक-३०.०८.२०१३