Friday 16 November 2012

♥♥♥चांदनी रात.♥♥♥


♥♥♥♥♥♥चांदनी रात.♥♥♥♥♥
चांदनी रात है और तेरा साथ है!
मेरे हाथों में सजनी तेरा हाथ है!

इसकी बूंदें भी लगती बड़ी शबनमी,
ये जो तेरी मोहब्बत की बरसात है!

मेरा चेहरा भी फूलों सा खिलना लगा,
तेरी चाहत में ऐसी करामात है!

जिंदगी में नहीं अब कोई भी कमी,
जीत ही जीत है अब नहीं मात है!

मुझको अब "देव" कोई भी ख्वाहिश नहीं,
जब से मुझको मिला, ये तेरा साथ है!"

...... (चेतन रामकिशन "देव") ........