♥♥♥♥♥चांदनी के दीये..♥♥♥♥♥
चांदनी के हजारों दीये जल गए!
आसमां में सितारों के गुल खिल गए!
प्यार की लहरें देखो मचलने लगीं,
एक दूजे से जब अपने दिल मिल गए!
प्यार से चांदनी भी, निखरने लगी!
हर तरफ रौशनी सी, बिखरने लगी!
लाज इतनी हुई है, लब सिल गए!
चांदनी के हजारों दिए जल गए...
चांदनी रात का ये मिलन खास है!
मैं तेरे पास हूँ, तू मेरे पास है!
तुमसे मिलकर मुझे "देव" ऐसा लगा,
मैं जमीं और तू मेरा आकाश है!
प्यार के सपने दिल में सजाते रहो!
प्यार जन्मों-जन्म तक निभाते रहो!
प्यार से अपने ख्वाबों के तन धुल गए!
चांदनी के हजारों दिए जल गए!"
......चेतन रामकिशन "देव"......
दिनांक-२३.०६.२०१३
चांदनी के हजारों दीये जल गए!
आसमां में सितारों के गुल खिल गए!
प्यार की लहरें देखो मचलने लगीं,
एक दूजे से जब अपने दिल मिल गए!
प्यार से चांदनी भी, निखरने लगी!
हर तरफ रौशनी सी, बिखरने लगी!
लाज इतनी हुई है, लब सिल गए!
चांदनी के हजारों दिए जल गए...
चांदनी रात का ये मिलन खास है!
मैं तेरे पास हूँ, तू मेरे पास है!
तुमसे मिलकर मुझे "देव" ऐसा लगा,
मैं जमीं और तू मेरा आकाश है!
प्यार के सपने दिल में सजाते रहो!
प्यार जन्मों-जन्म तक निभाते रहो!
प्यार से अपने ख्वाबों के तन धुल गए!
चांदनी के हजारों दिए जल गए!"
......चेतन रामकिशन "देव"......
दिनांक-२३.०६.२०१३