Friday 19 July 2013

♥♥ख्वाबों की उड़ान..♥♥

♥♥♥♥♥♥ख्वाबों की उड़ान..♥♥♥♥♥♥♥
खोलकर अपने परों को, उड़ान भरता हूँ!
अपने टूटे हुए सपनों में, जान भरता हूँ!

न ही हिन्दू, नहीं मुस्लिम, न सिख, इसाई को,
मैं तो इंसान को, दिल से सलाम करता हूँ!

रास्ते तंग हैं और देखो सफ़र मुश्किल है,
फिर भी मैं जीतने का, इतमिनान करता हूँ! 

मेरा ये जिस्म है मिट्टी का, कब बिखर जाए,
भूल से भी न कभी, मैं गुमान करता हूँ!

उम्र की धूप ने, मुझको बना दिया बूढ़ा,
हाँ मगर होंसला, फिर से जवान करता हूँ!

मैं हूँ जैसा मैं वही, दिखता हूँ हमेशा ही,
न ही मैं ढोंग, नहीं झूठी शान करता हूँ!

"देव" ये दोस्त ही, पूंजी हैं मेरे जीवन की,
ये दुआ देते हैं, मैं जब उड़ान भरता हूँ!"

............चेतन रामकिशन "देव"...........
दिनांक-२०.०७.२०१३




♥♥कांच के ख्वाब..♥♥

♥♥♥♥♥♥♥कांच के ख्वाब..♥♥♥♥♥♥♥
कांच के ख्वाब हैं, डर डर के मैं संजोता हूँ!
अपनी सूरत को अपने आंसुओं से धोता हूँ!

मुझसे कहते हैं लोग, क्या ये हो गया तुमको,
साथ दिखता हूँ मगर, साथ नहीं होता हूँ!

माँ से बढ़कर नहीं, हमदर्द कोई दुनिया में, 
माँ की लोरी को सुने बिन, मैं नहीं सोता हूँ!

जो गुनाह करते हैं वो, सोते हैं तसल्ली से,
बेगुनाह होके भी मैं, अपना सुकूं खोता हूँ!

"देव" मुश्किल है मगर, देखो नहीं नामुमकिन,
सोचकर ये ही मैं, गिरकर भी खड़ा होता हूँ!"

............चेतन रामकिशन "देव"...........
दिनांक-१९.०७.२०१३