♥♥♥♥चकनाचूर ...♥♥♥♥♥
मुझको दूर किया है तुमने।
दिल को चूर किया है तुमने।
जीवन भर जो हँस न पाऊं,
यों मजबूर किया है तुमने।
क्यों कर तुमने फेर लिया मुंह,
जान के मेरे जज़्बातों को,
बेदर्दी से ख्बाव मेरा हर,
चकनाचूर किया है तुमने।
यदि प्यार के धागे सच में, इतने ही कच्चे होते हैं।
तो फिर प्यार न करने वाले, लोग ही क्या अच्छे होते हैं।
नातें, कसमें, सौगंधों की होली यहाँ जलाई जाये,
सच को झुठला देने वाले, लोग ही क्या सच्चे होते हैं।
"देव " मेरे हंसमुख चेहरे को,
यों बेनूर किया है तुमने।
बेदर्दी से ख्बाव मेरा हर,
चकनाचूर किया है तुमने। "
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-05.01.2018