♥♥♥♥♥♥♥♥ ♥♥रानी लक्ष्मीबाई( महानायिका)♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"अमर तुम्हारा नाम है रानी. अमर तेरी पहचान!
स्वर्ण पदों से अंकित तेरा, इतिहासों में नाम!
तुम साहस की प्रतिमूर्ति, तुम शक्ति का दर्शन,
हम सब शीश झुकाकर करते, नमन तेरा बलिदान!
विधुत गति सी बनकर तुमने, शत्रु को संहारा!
अपनी कमर पे बांधा तुमने, अपना बालक प्यारा!
रानी के बलिदान दिवस पर, उनको शीश नवायें!
वो हैं जग की महानायिका, सबको चलो बतायें ..
मातृभूमि की आन में उसने, प्राण की दी आहुति!
उनकी स्मृति से मिलती, गौरव की अनुभूति!
राज सुखों को विस्मृत करके, रणभूमि में उतरी,
धरा की धूल मली माथे पर, जैसे कोई भभूती!
युद्ध भूमि में जाकर तुमने, शत्रु को ललकारा!
अपनी कमर पे बंधा तुमने, अपना बालक प्यारा!
रानी के बलिदान दिवस पर, उनको शीश नवायें!
वो हैं जग की महानायिका, सबको चलो बतायें ..
मातृभूमि के प्रेम बिना तो, जीवन पशु समान!
जो शत्रु को दे अपनापन, वो क्या दीन-ईमान!
चलो "देव" अब तुम भी चलकर, शत्रु को ललकारो,
बहुत सह लिया उत्पीड़न, और बहुत हुआ आराम!
रानी के बलिदान से सीखो, विजय का जीवित नारा!
अपनी कमर पे बांधा तुमने, अपना बालक प्यारा!
रानी के बलिदान दिवस पर, उनको शीश नवायें!
वो हैं जग की महानायिका, सबको चलो बतायें! "
"महानायिका रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर उनको नमन,
और सभी से अपेक्षा की हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए, मातृभूमि से प्रेम करेंगे-चेतन रामकिशन "देव"
"अमर तुम्हारा नाम है रानी. अमर तेरी पहचान!
स्वर्ण पदों से अंकित तेरा, इतिहासों में नाम!
तुम साहस की प्रतिमूर्ति, तुम शक्ति का दर्शन,
हम सब शीश झुकाकर करते, नमन तेरा बलिदान!
विधुत गति सी बनकर तुमने, शत्रु को संहारा!
अपनी कमर पे बांधा तुमने, अपना बालक प्यारा!
रानी के बलिदान दिवस पर, उनको शीश नवायें!
वो हैं जग की महानायिका, सबको चलो बतायें ..
मातृभूमि की आन में उसने, प्राण की दी आहुति!
उनकी स्मृति से मिलती, गौरव की अनुभूति!
राज सुखों को विस्मृत करके, रणभूमि में उतरी,
धरा की धूल मली माथे पर, जैसे कोई भभूती!
युद्ध भूमि में जाकर तुमने, शत्रु को ललकारा!
अपनी कमर पे बंधा तुमने, अपना बालक प्यारा!
रानी के बलिदान दिवस पर, उनको शीश नवायें!
वो हैं जग की महानायिका, सबको चलो बतायें ..
मातृभूमि के प्रेम बिना तो, जीवन पशु समान!
जो शत्रु को दे अपनापन, वो क्या दीन-ईमान!
चलो "देव" अब तुम भी चलकर, शत्रु को ललकारो,
बहुत सह लिया उत्पीड़न, और बहुत हुआ आराम!
रानी के बलिदान से सीखो, विजय का जीवित नारा!
अपनी कमर पे बांधा तुमने, अपना बालक प्यारा!
रानी के बलिदान दिवस पर, उनको शीश नवायें!
वो हैं जग की महानायिका, सबको चलो बतायें! "
"महानायिका रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर उनको नमन,
और सभी से अपेक्षा की हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए, मातृभूमि से प्रेम करेंगे-चेतन रामकिशन "देव"