♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सितारों की लड़ी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
गगन के चाँद सी सुन्दर, सितारों की लड़ी हो तुम!
तुम्ही पायल की छम छम में, अंगूठी में जड़ी हो तुम!
हो मुझसे दूर मीलों पर, हमेशा पास लगती हो!
मेरे ख्वाबों का तुम देखो, जवां एहसास लगती हो!
सुनो ए "देव" मैं तुम बिन, कभी खुश हो नहीं सकता,
तुम्हीं सारे ज़माने में, मुझे बस ख़ास लगती हो!
मेरे दुख में, मेरे गम में, मेरे संग में खड़ी हो तुम!
गगन के चाँद सी सुन्दर, सितारों की लड़ी हो तुम!"
...........चेतन रामकिशन "देव"...........
दिनांक-१२.०४.२०१३