♥♥♥♥♥♥बेक़रारी ...♥♥♥♥♥♥
आँख में अश्क़, सांस भारी है।
आज क्यों इतनी बेक़रारी है।
बूढ़े माँ बाप तरसे रोटी को,
वैसे बेटों की जेब भारी है।
प्यार उसको जहाँ में कैसे मिले,
जिसने ठोकर दिलों पे मारी है।
एक दिन छोड़कर के जाना है,
ये जमीं, मेरी न तुम्हारी है।
भाई, भाई का, हो रहा दुश्मन,
तुम पे तलवार, मुझ पे आरी है।
सारे जग में जो सबसे है बढ़कर,
वो दुआ, मेरी माँ की प्यारी है।
"देव " तुम आये तो लगा मुझको,
चाँद ने पालकी उतारी है। "
........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२०.०६.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।
आँख में अश्क़, सांस भारी है।
आज क्यों इतनी बेक़रारी है।
बूढ़े माँ बाप तरसे रोटी को,
वैसे बेटों की जेब भारी है।
प्यार उसको जहाँ में कैसे मिले,
जिसने ठोकर दिलों पे मारी है।
एक दिन छोड़कर के जाना है,
ये जमीं, मेरी न तुम्हारी है।
भाई, भाई का, हो रहा दुश्मन,
तुम पे तलवार, मुझ पे आरी है।
सारे जग में जो सबसे है बढ़कर,
वो दुआ, मेरी माँ की प्यारी है।
"देव " तुम आये तो लगा मुझको,
चाँद ने पालकी उतारी है। "
........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२०.०६.२०१५
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