Friday, 13 June 2014

♥♥उम्मीदों की डाली..♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥उम्मीदों की डाली..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
आशाओं के फूल खिलेंगे, उम्मीदों की डाली होगी !
वक़्त परीक्षा लेता है फिर, आँगन में खुशहाली होगी!
हार जीत तो इस जीवन की, गतिशीलता का हिस्सा है,
कभी अँधेरा घेरेगा तो, कभी यहाँ दीवाली होगी!

मायूसी के साथ जिंदगी, जीकर के भी क्या पाओगे!
बिन हिम्मत के ठोकर खाकर, तुम राहों में गिर जाओगे!

वो सुन्दर होकर नहीं सुन्दर, जिसकी नियत काली होगी!
आशाओं के फूल खिलेंगे, उम्मीदों की डाली होगी ...

सपनों को भी पंख लगेंगे, बस थोड़ा संतोष करो तुम!
अपने हाथों गलत नहीं हो, बस इतना सा होश रखो तुम!
"देव" जहाँ में धनिकों को तो, हर कोई दिल में रखता,
लेकिन निर्धन की खातिर भी, अपने बाहुपोश रखो तुम!

प्यार, वफ़ा के दीप हमारे, दिल में जिस दिन जल जायेंगे! 
उस दिन देखो नफ़रत वाले, सारे सूरज ढल जायेंगे!

दर्द वही समझे औरों का, आँख में जिसके लाली होगी!
आशाओं के फूल खिलेंगे, उम्मीदों की डाली होगी ! "

.................चेतन रामकिशन "देव"…............
दिनांक-१४.०६.२०१४ 

♥♥धुंधली लकीरें..♥♥

♥♥♥♥♥धुंधली लकीरें..♥♥♥♥♥♥
हर ख़ुशी दूर हमसे निकली हुयी!
हाथ की हर लकीर धुंधली हुई!

गम के सूरज ने आंच दी इतनी,
दिल की धरती भी आज उबली हुयी!

खून के रिश्तों में भी प्यार नहीं,
आज देखो फ़िज़ा है बदली हुयी!

पांव दलदल में फंस गए मेरे,
बर्फ दुख की है, आज पिघली हुयी!

साथ एक ने भी न सहारा दिया,
जिंदगी जब भी मेरी फिसली हुयी!

गम की किरणों ने भेद कर ही लिया,
अब दुआओं की ढाल पतली हुयी!

"देव" दिल का इलाज़ करते पर,
आत्मा तक भी पायी कुचली हुयी!"

......चेतन रामकिशन "देव"…......
दिनांक- १३.०६.२०१४