Monday, 10 October 2011

**नहीं रहे जगजीत!*********

"********नहीं रहे जगजीत!**************
हर एक आंख से बहते आंसू, नहीं रहे जगजीत!
हार गया है जीवन उनका , मौत गयी है जीत!

मीठी मीठी गजलों की भी सुप्त हुई आवाज!
शब्द अकेले में रोते हैं, हुए हैं गुमसुम साज!
हवा के झोंको में भी होती अश्रु की अनुभूति,
गली गली में शहर शहर में है, खामोशी आज!

प्रेम की गजल सुनाने वाले नहीं रहे वो मीत!
हर एक आंख से बहते आंसू, नहीं रहे जगजीत!"


......................नम आँखों के साथ, स्वर्गीय जगजीत जी को नमन!
चेतन रामकिशन "देव"

♥♥महर्षि बाल्मीकि ♥♥♥

"♥♥♥♥♥♥♥♥महर्षि बाल्मीकि ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
आदि कवि के रूप में उनकी सदा रही पहचान!
उनके कलम से हुआ है, प्रकट रामायण का ज्ञान!
ओजस्वी और तेजस्वी जन, नहीं जात में बंधते,
सभी को समरसता देते हैं, उनके कर्म महान!

आओ महर्षि के चरणों में, नमन करें हम लोग!
उनसे सीखें ज्ञान, अहिंसा, सच्चाई का योग!

स्वर्ण रंगों से अंकित होता उनका उज्जवल नाम!
आदि कवि के रूप में उनकी सदा रही पहचान!"

"महर्षि बाल्मीकि जी के प्रकट दिवस पर, उन्हें नमन करें!
उनके जीवन दर्शन से सत्य, अहिंसा, साहित्य, सद्भाव को
ग्रहण करें!-----------चेतन रामकिशन "देव"