Monday, 10 October 2011

**नहीं रहे जगजीत!*********

"********नहीं रहे जगजीत!**************
हर एक आंख से बहते आंसू, नहीं रहे जगजीत!
हार गया है जीवन उनका , मौत गयी है जीत!

मीठी मीठी गजलों की भी सुप्त हुई आवाज!
शब्द अकेले में रोते हैं, हुए हैं गुमसुम साज!
हवा के झोंको में भी होती अश्रु की अनुभूति,
गली गली में शहर शहर में है, खामोशी आज!

प्रेम की गजल सुनाने वाले नहीं रहे वो मीत!
हर एक आंख से बहते आंसू, नहीं रहे जगजीत!"


......................नम आँखों के साथ, स्वर्गीय जगजीत जी को नमन!
चेतन रामकिशन "देव"

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