Friday, 8 March 2013

♥♥जीवन की गतियां..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥जीवन की गतियां..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
हो मंजर दर्द का या फिर, खुशी की जिंदगानी हो!
हंसी की धूप खिल जाए, या फिर आँखों में पानी हो!
यही जीवन की गतियां हैं, इन्हीं के साथ तुम चलना,
कभी बारिश, कभी पतझड़, कभी ये रुत सुहानी हो!

कभी तन्हाई मिलती है, कभी मिलने के पल आते!
कभी आती बहारें हैं, कभी खिलने के पल आते!

सदा तुम बोलना सच ही, भले दुनिया बैगानी हो!
हो मंजर दर्द का या फिर, खुशी की जिंदगानी हो...

सवेरा हो, अँधेरा हो, कभी दिन रात होते हैं!
कभी अनदेखे, अनजाने, नए जज्बात होते हैं!
वही मंजिल को पाते हैं, जो अपने शौक को भूलें,
जिन्हें कुछ करना होता है, कहाँ वो लोग सोते हैं!

ये ऐसे लोग जो अवसर, पकड़ना भूल जाते हैं!
सदा ये कोसते खुद हो, सदा आंसू बहाते हैं!

नहीं वो हार से डरते, वो जिनको जीत पानी हो!
हो मंजर दर्द का या फिर, खुशी की जिंदगानी हो!"

.............चेतन रामकिशन "देव"..............
दिनांक-०९.०३.२०१३

♥दर्द का शोर..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥दर्द का शोर..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
शोर है दर्द का, ख़ामोशी अख्तियार करें!
आओ कुछ देर के, तन्हाई से अब प्यार करें!

वो नहीं आए तो, दिल अपना क्यूँ छोटा करना,
आओ आकाश में अब चाँद का, दीदार करें!

जिंदगी का तो नहीं होता, भरोसा कोई,
कैसे फिर बैठ के हम, कल का इंतजार करें!

खून का प्यासा यहाँ आदमी, अब होने लगा,
ऐसे हालात में अब किस पे, ऐतबार करें!

जिसके चेहरे से मुझे "देव", खुशी मिलती हो,
कैसे हम उसके बिना, गम का सफर पार करें!"

............चेतन रामकिशन "देव"................
दिनांक-०८.०३.२०१३