♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥चाहत का किरदार ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मुझे तेरी चाहत का हमदम, एक ऐसा किरदार चाहिए!
जब भी मेरी आंखे तरसे, मुझे तेरा दीदार चाहिए!
हाँ सच है के इस दुनिया में, वक्त किसी के पास नहीं है,
भले ही मुझको एक पल देना, पर रूहानी प्यार चाहिए!
नाम प्यार का मैं नहीं करता, प्यार तुझे दिल से करता हूँ!
इसीलिए तो तेरे दुःख में, अपनी आंखे नम करता हूँ!
हाथ मैं तेरा पकड़ सकूँ जो, मुझको वो अधिकार चाहिए!
मुझे तेरी चाहत का हमदम, एक ऐसा किरदार चाहिए....
प्यार के ढाई अक्षर भर से, शपथ प्रेम की तय नहीं होती!
बिना समर्पण के दुनिया में, प्रेम भाव की जय नही होती!
"देव" जहाँ में प्यार करो तो, करना पूरी सच्चाई से,
वो चाहत किस काम की जिसमे, सच्चाई की लय नहीं होती!
प्यार से बढ़कर इस दुनिया में, कोई भी सौगात नहीं है!
प्यार तो होता है रूहानी, बस अधरों की बात नहीं है!
बिन तेरे मैं गिर जाऊंगा, मुझे तेरा आधार चाहिए!
मुझे तेरी चाहत का हमदम, एक ऐसा किरदार चाहिए!"
....................चेतन रामकिशन "देव".......................
दिनांक-१४.०६.२०१३
मुझे तेरी चाहत का हमदम, एक ऐसा किरदार चाहिए!
जब भी मेरी आंखे तरसे, मुझे तेरा दीदार चाहिए!
हाँ सच है के इस दुनिया में, वक्त किसी के पास नहीं है,
भले ही मुझको एक पल देना, पर रूहानी प्यार चाहिए!
नाम प्यार का मैं नहीं करता, प्यार तुझे दिल से करता हूँ!
इसीलिए तो तेरे दुःख में, अपनी आंखे नम करता हूँ!
हाथ मैं तेरा पकड़ सकूँ जो, मुझको वो अधिकार चाहिए!
मुझे तेरी चाहत का हमदम, एक ऐसा किरदार चाहिए....
प्यार के ढाई अक्षर भर से, शपथ प्रेम की तय नहीं होती!
बिना समर्पण के दुनिया में, प्रेम भाव की जय नही होती!
"देव" जहाँ में प्यार करो तो, करना पूरी सच्चाई से,
वो चाहत किस काम की जिसमे, सच्चाई की लय नहीं होती!
प्यार से बढ़कर इस दुनिया में, कोई भी सौगात नहीं है!
प्यार तो होता है रूहानी, बस अधरों की बात नहीं है!
बिन तेरे मैं गिर जाऊंगा, मुझे तेरा आधार चाहिए!
मुझे तेरी चाहत का हमदम, एक ऐसा किरदार चाहिए!"
....................चेतन रामकिशन "देव".......................
दिनांक-१४.०६.२०१३