Friday, 12 September 2014

♥♥♥तेरा कद...♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥तेरा कद...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तेरे न होने से पड़ता है, मुझको फ़र्क़ बहुत,
रूह हूँ मैं जो अगर, तू भी जान जैसा है!

तेरे क़दमों के लिए, बन गया हूँ मैं धरती,
तेरा कद दिल में मेरे, आसमान जैसा है!

तुमसे मिलकर ही खिले हैं, ये फूल चाहत के,
तेरा साया ये किसी, बागवान जैसा है!

तू ही आई है, मेरे घर में रौशनी लेकर,
बिन तेरे घर ये मेरा, बस मकान जैसा है!

नफरतों के जो मसीहा हैं, उनको देखेंगे,
मैं हूँ तलवार अगर, तू म्यान जैसा है!

हर जन्म में हो मिलन, तुमसे ही दुआ है मेरी,
बिन तेरे मेरा सफर, बस थकान जैसा है!

"देव" तुमसे ही बताया, है अपना हर सुख दुख,
तेरा आँचल ही सुकूं के, जहान जैसा है! " 

............चेतन रामकिशन "देव"…........
दिनांक-१३.०९.२०१४  

♥♥कोई अफ़साना नहीं...♥♥



♥♥♥♥♥कोई अफ़साना नहीं...♥♥♥♥♥♥
कोई अफ़साना नहीं है, ये हक़ीक़त देखो,
रोज ही भूख से बच्चों की मौत होती है!

सर पे छप्पर भी नहीं, पेट में नहीं रोटी,
मुफ़लिसी देश में चीखों के साथ रोती है!

कब दरिंदा कोई बेटी को उठा ले जाये,
माँ इसी डर से यहाँ जागकर के सोती है!

लोग बदले हैं, बदलते हैं, बदलते होंगे,
ऐसे धोखे से कहाँ रूह, ये खुश होती है!

झूठ को सच भी बोल दूँ, तो सच नही मरता,
झूठ की दुनिया की तो, शीशे की तरह होती है!

रंग, दौलत से, ही कोई बड़ा नहीं बनता,
यहाँ अच्छाई तो उल्फत से बुनी होती है!

"देव" उस शै को दुआ एक भी नहीं मिलती,
आदमी काटके जो, खूं से फसल बोती है! "

...........चेतन रामकिशन "देव"…..........
दिनांक-१२.०९.२०१४