Sunday, 10 May 2015

♥♥♥माँ...♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥माँ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तेरे क़दमों में सर झुका लूं माँ। 
जन्नतें मैं ज़मीं पे, पा लूं माँ। 

मैंने देखा नहीं कभी रब को,
मंदिरों में तुझे सजा लूं माँ। 

तेरा किरदार  है बहुत उम्दा,
तुझको पलकों पे, मैं छुपा लूं माँ। 

मुझको मखमल की जब जरुरत हो,
तेरे आँचल में सर छुपा लूं माँ। 

मेरी उस लम्हा भूख मिट्टी है,
तेरे हाथों से अन्न खा लूं माँ। 

तुझको काँटा नहीं चुभे कोई,
तेरी राहों में फूल डालूं माँ। 

हर जनम तेरी कोख से जन्मूँ,
"देव " बस ये दुआ निभा लूं माँ। "

 .......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १०.०५.२०१५