Monday 17 September 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥दिल की चुभन...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
दिल में एक चुभन रहती है, मन में एक अगन रहती है!
आँखों में आंसू की लड़ियाँ, जीवन में उलझन रहती है!

ये सच है कुछ दिन पहले तक, नयन में अश्रुधार नहीं थी!
न ही दिल टुकड़े टुकड़े था, और गमों की मार नहीं थी!
मैं भी हँसता था जी भर के, मैं भी गाता मुस्काता था,
पानी चाही जीत हमेशा और चिंतन में हार नहीं थी!

लेकिन ये बदलाव देखिए, तब से जीवन में आया है!
जब से मेरे अपनों ने ही, मेरे दिल को ठुकराया है!
जो खुद को कहते थे अक्सर, मेरे दुख का सच्चा साथी,
आज उन्ही के दुख से देखो, नीर नयन में भर आया है!

यही सोचकर इस जीवन की, ये बस्ती निर्जन रहती है!
दिल में एक चुभन रहती है, मन में एक अगन रहती है!"


.....................चेतन रामकिशन "देव"......................