Monday, 26 March 2012

♥♥♥माँ के आंसू..♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥माँ के आंसू..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
आज मेरी करतूत से देखो, माँ की आंख से आंसू निकले!
लाज बड़ी आती है खुद पे, हम किसी सोच के बेटे निकले!

पश्चाताप बहुत है हमको, इस दिल से आंसू गिरते हैं!
माँ का ह्रदय दुखाकर देखो, बच्चे भी न खुश रहते हैं!
माँ तो सागर के जैसी हैं, माफ़ तो आखिर कर ही देंगी,
माँ के होठों पे हरदम ही, आशीषों के गुल खिलते हैं!

माँ का कोमल प्यार देखकर, पत्थर के भी दिल हैं पिघले!
आज मेरी करतूत से देखो, माँ की आंख से आंसू निकले!"

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 माँ का दिल दुख दुखाने के बाद भी माँ अपने बच्चे को न सिर्फ माफ़ करती है अपितु
उसे सीने से लगा लेती है! माँ एक सागर जैसी होती हैं!
माँ अनमोल होती है, इतनी दयालु की शब्द नहीं हैं!"

मुझे अपनी दोनों माताओं पर गर्व है! आपको भी होगा, क्यूंकि माँ के बिन संसार अधूरा है!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-२६.०३.२०१२