Sunday 28 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥तुम्हारे वास्ते..♥♥♥♥♥♥♥
सीने में दिल धड़क रहा तुम्हारे वास्ते!
चेहरा मेरा दमक रहा तुम्हारे वास्ते!
गालों पे भी देखो बड़ी सुर्खी ये छाई है,
कंगना मेरा खनक रहा तुम्हारे वास्ते!

तुम साथ हो तो देखो ये मौसम हसीन है!
आकाश भी प्यारा लगे, सुन्दर जमीन है!
तुम्हे देख के मिलती है, जमाने की हर ख़ुशी,
तेरे प्यार पे हमदम मुझे इतना यकीन है!

मन का चमन महक रहा तुम्हारे वास्ते!
मेरा ये दिल बहक रहा तुम्हारे वास्ते!
सीने में दिल धड़क रहा तुम्हारे वास्ते!
चेहरा मेरा दमक रहा तुम्हारे वास्ते!"

..........(चेतन रामकिशन "देव").........


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥नयी पीढ़ी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
नयी पीढ़ी तो मानो इश्क की बीमार लगती है!
सलाह तालीम की उसको बड़ी बेकार लगती है!

यहाँ पर एक माँ देती दुआ लम्बी उम्र की तो,
कहीं माँ गर्भ में कन्या का भी संहार करती है!

तुम अपने चेहरे को झूठी हंसी में कैद कर लेना,
यहाँ सूरत भी दिल के हाल का इजहार करती है!

खुदा भी इन गरीबों से नजर शायद फिर बैठा,
तभी कुदरत गरीबों पे ही ज्यादा मार करती है!

मुझे जब याद आती "देव" उन खोये बुर्जुर्गों की, 
नजर ये चाँद का घंटों तलक दीदार करती है!"

...........(चेतन रामकिशन "देव").................