♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥कन्या का पूजन.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कन्या का पूजन करते हो, तो उसका अपमान न करना!
कभी किसी कन्या को देखो, गर्भ में तुम अवसान न करना!
ये भक्ति और पूजन क्रिया, तभी सार्थक हो पायेगी!
जब कन्या भी पुत्रों जैसे, समता भावों को पायेगी!
कन्या के हित की सोचे बिन, ये पूजा पाखंड सरीखी,
कैसे माँ का मन खुश होगा, कैसे कन्या मुस्काएगी!
दुरित सोच को धारण भरके, तुम भक्ति में ध्यान न करना!
कन्या का पूजन करते हो, तो उसका अपमान न करना!"
.................(चेतन रामकिशन "देव").....................