Monday 22 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥याद..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम्हारी याद भी देखो, बहुत से रंग लाती है!
कभी हमको हंसी देती, कभी हमको रुलाती है!
कभी तो भीड़ में तनहा, मुझे कर देती है लेकिन,
कभी तन्हाई में वो साथ, मेरे गुनगुनाती है!"

...............(चेतन रामकिशन "देव").............

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