♥♥♥♥मन की उर्जा.♥♥♥♥
मन में उर्जा धारण करके,
लक्ष्यों का निर्धारण करके!
अपने मन की घोर निराशा,
तुम साहस से आहरण करके!
जिस दिन अपने जीवन में तुम,
सही दिशा को तय कर लोगे!
त्याग के अपनी अनिद्रा को,
दिनचर्या में लय कर लोगे!
उस दिन तुमको ही निश्चित ये,
जीवन पथ आसान लगेगा,
जीवन में आयेंगी खुशियाँ,
तुम मंजिल पे जय कर लोगो!
पीड़ा को तुम बह जाने दो,
नहीं रखो अधिकारण करके!
मन में उर्जा धारण करके,
लक्ष्यों का निर्धारण करके!"
..(चेतन रामकिशन "देव")..
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