♥♥♥♥♥♥प्यार की बयार...♥♥♥♥♥♥♥
प्यार की जब बयार होने लगी।
जिंदगी खुशगवार होने लगी।
चांद बनकर के तुम मिले जो मुझे,
चांदनी बेशुमार होने लगी।
तेरी पाकीज़गी भरी सीरत,
हर तपिश दरकिनार होने लगी।
तेरी छुअन से मिट गया पतझड़,
हर तरफ ही बहार होने लगी।
रात का ख्वाब, तू सुनहरी किरन,
रौशनी रूह के पार होने लगी।
दिल तो पागल है तेरी चाहत में,
जान तक भी निसार होने लगी।
" देव " तुझसे ही मेरा अर्थ यहाँ,
तू ही जीवन का सार होने लगी। "
......चेतन रामकिशन "देव"……
प्यार की जब बयार होने लगी।
जिंदगी खुशगवार होने लगी।
चांद बनकर के तुम मिले जो मुझे,
चांदनी बेशुमार होने लगी।
तेरी पाकीज़गी भरी सीरत,
हर तपिश दरकिनार होने लगी।
तेरी छुअन से मिट गया पतझड़,
हर तरफ ही बहार होने लगी।
रात का ख्वाब, तू सुनहरी किरन,
रौशनी रूह के पार होने लगी।
दिल तो पागल है तेरी चाहत में,
जान तक भी निसार होने लगी।
" देव " तुझसे ही मेरा अर्थ यहाँ,
तू ही जीवन का सार होने लगी। "
......चेतन रामकिशन "देव"……