Thursday 5 July 2012

♥श्रंगार अधूरा..♥

♥♥♥श्रंगार अधूरा..♥♥
शब्दों का श्रंगार अधूरा,
तुम बिन ये संसार अधूरा!

दूर गए हो जबसे हमदम,
तब से है दीदार अधूरा!

तुम बिन आंगन सूना लगता,
चौखट पर ख़ामोशी पसरी!

तुम बिन कंगना चूड़ी चुप हैं,
आँखों को न भाए कजरी!

जिस दिन से परदेस गए हो,
तब से है घर-वार अधूरा!"

.....चेतन रामकिशन "देव"......

♥कुछ तो..♥



♥♥♥♥कुछ तो..♥♥♥♥♥
कुछ तो खोया खोया सा है!
मन भी रोया रोया सा है!
क्यूँ अपने आंसू से मैंने,
चेहरा धोया धोया सा है!

सड़कों की फुटपाथों पर जब,
नंगे भूखे तन दिखते हैं!
भारत में ही जन्मे जब वो,
खद्दरधारी जन बिकते हैं!
देश का कृषक भूख के कारण,
जब फांसी पर चढ़ जाता है!
तब तब ही मेरी आँखों से,
बरबस आंसू बह जाता है!

लोगों ने भी बीज द्वेष का,
मन में बोया बोया सा है!
कुछ तो खोया खोया सा है!
मन भी रोया रोया सा है!"

...."शुभ-दिन"..चेतन रामकिशन "देव"