Saturday 20 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥रूह की आवाज..♥♥♥♥♥♥♥
मायूसी से जीवन का गुजारा नहीं होता!
सब कुछ ही जिंदगी में, हमारा नहीं होता!

जिन लोगों को खुद पे नहीं होता है भरोसा,
उन लोगों का कोई भी सहारा नहीं होता!

हर शख्स को आँखों में वसायें भी तो कैसे,
हर कोई यहां चाँद सा प्यारा नहीं होता!

मिल जाती है मंजिल उसे इक रोज जहाँ में,
जिसे हारके भी थकना गवारा नही होता!

तुम "देव" सच की राह से हरगिज न भटकते,
गर रूह की आवाज को मारा नहीं होता! "

..........(चेतन रामकिशन "देव")...........

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥दिल की मज़बूरी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जीवन के लालन पालन को, काम भी देखो बड़ा जरुरी!
पर दिल उनकी याद में उलझे, नहीं समझता ये मज़बूरी!

जब भी दिल से कहता हूँ के, काम पे उनको याद न करना!
तब तब ही दिल की आँखों से, बह जाता अश्क़ों का झरना!

दिल कहता हैं रुंधे गले से, सही न जाती उनकी दूरी!
जीवन के लालन पालन को, काम भी देखो बड़ा जरुरी!"

........................चेतन रामकिशन "देव".......................

♥♥♥♥♥♥प्यार की दरकार..♥♥♥♥♥
मेरे नसीब में तुम्हारा प्यार नहीं है!
या तुमको मेरे प्यार की दरकार नहीं है!

अश्कों से धोके मैंने निखारा है ये चेहरा,
मेरे चेहरे पे देखो कोई, श्रंगार नहीं है!

मैं कैसे काटूं आदमी को जानवर समझ,
मेरे हाथ में कोई मजहबी तलवार नहीं है!

ए दोस्त मैंने फिर से अपने दिल को संवारा,
अब दिल का कोई टूटा हुआ तार नहीं है!

आओ के "देव" चलते हैं, आकाश की तरफ,
जिस राह पे कोई मजहबी दीवार नहीं है!"
..........(चेतन रामकिशन "देव")...............