Saturday 20 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥दिल की मज़बूरी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जीवन के लालन पालन को, काम भी देखो बड़ा जरुरी!
पर दिल उनकी याद में उलझे, नहीं समझता ये मज़बूरी!

जब भी दिल से कहता हूँ के, काम पे उनको याद न करना!
तब तब ही दिल की आँखों से, बह जाता अश्क़ों का झरना!

दिल कहता हैं रुंधे गले से, सही न जाती उनकी दूरी!
जीवन के लालन पालन को, काम भी देखो बड़ा जरुरी!"

........................चेतन रामकिशन "देव".......................

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