♥♥♥♥♥♥♥♥गर्म खून आबाद नहीं है...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
महापुरुषों के पदचिन्हों पर, हम चलने की आदत भूले!
हम अपने उल्लास में देखो, माँ जननी और भारत भूले!
गाँधी, विस्मिल और सुभाष की, कुर्बानी भी याद नहीं है!
कमरे के चित्रों में शामिल, अब मनमथ, आजाद नहीं हैं!
देश के दुश्मन देश में घुसकर, मासूमों को मार रहे हैं,
हम लोगों के जिस्म में लेकिन, गर्म खून आबाद नहीं है!
आजादी के दीवानों की, हम सब आज शहादत भूले!
महापुरुषों के पदचिन्हों पर, हम चलने की आदत भूले!"
..........."शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव".................