♥♥♥♥♥♥♥♥जुर्म...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
प्यार है जुर्म तो, जला दो हमें।
ख़ाक में आओ तुम, मिला दो हमें।
मुझसे रिश्ता नहीं, तो क्या गम है,
एक लम्हे में तुम, भुला दो हमें।
अब दवाओं का, न असर कोई,
कोई कड़वा ज़हर, पिला दो हमें।
हमने तो जिंदगी तुम्हे सौंपी,
तुम जो चाहो, वही सिला दो हमें।
तेरी राहों को, मैं नहीं रोकूँ,
मौत की नींद तुम, सुला दो हमें।
लडख़ड़ायें जो न कदम मेरे,
बिन सहारे के तुम, चला दो हमें।
ये जहाँ मेरे बिन, रुकेगा नहीं,
उम्र भर चाहें, फासला दो हमें। "
......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२४.०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "
प्यार है जुर्म तो, जला दो हमें।
ख़ाक में आओ तुम, मिला दो हमें।
मुझसे रिश्ता नहीं, तो क्या गम है,
एक लम्हे में तुम, भुला दो हमें।
अब दवाओं का, न असर कोई,
कोई कड़वा ज़हर, पिला दो हमें।
हमने तो जिंदगी तुम्हे सौंपी,
तुम जो चाहो, वही सिला दो हमें।
तेरी राहों को, मैं नहीं रोकूँ,
मौत की नींद तुम, सुला दो हमें।
लडख़ड़ायें जो न कदम मेरे,
बिन सहारे के तुम, चला दो हमें।
ये जहाँ मेरे बिन, रुकेगा नहीं,
उम्र भर चाहें, फासला दो हमें। "
......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२४.०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "